
प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मोदी जी ने लगातार कालाधन रखने वालो के खिलाफ मुहीम छेड़ी हुई है . ये तो आप जानते है की पिछले साल मोदी जी ने नोटबंदी जैसा एक बहुत ही कडा और सख्त फैसला लिया था .
यह फैसला मोदी जी ने इसलिए लिया था ताकि कालेधन पर रोक लगा सके . देश में फैले कालेधन पर रोक लगाने में मोदी सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी थी . अब विदेशों में जमा कालेधन से जुडी एक बड़ी खबर आ रही, जिसके बाद देश की राजनीति में हलचलें बढ़ गयी हैं.
सूत्रों से मिली सुचना के अनुसार पिछले साल भारत और स्विट्जरलैंड के बीच संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये गये थे . सुनने में आ रहा है की स्विट्जरलैंड ने कालेधन की सूचना के आदान-प्रदान करने के लिए अपनी तरफ से हामी भर दी है .
एक समझौते के अनुसार अगले साल से स्विट्जरलैंड अपने देश के बैंको में जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को देने की स्वचालित व्यवस्था के लिए तैयार है . आपको जानकर खुशी होगी की इस समझौते में भारत भी शामिल है .
जानकारी के अनुसार अगले साल यानी 2018 से भारत को स्विस बैंकों में जमा कालेधन की जानकारी खुद-ब-खुद ही मिल जाया करेगी जिसके कारण विदेश में कालाधन छुपाने वालो पर नकेल कसी जा सकेगी . इस काम के लिए स्विट्जरलैंड ने कुछ शर्तें भी रखी है .
आपको बता दे की स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग एसआईएफ ने बयान दिया है की घरेलू वितीय संस्थाओं ने पहली बार इस साल आंकड़े एकत्रित करना शुरू कर दिए है . हालांकि जिन देशों के साथ इस जानकारी को साझा किया जाएगा उन्हें जानकारी की गोपनीयता बनाये रखनी होगी . माना जा रहा है की अगले साल से विदेशों में छुपाये गए कालेधन को देश में वापस लाये जाने पर काम शुरू हो जाएगा !!
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