loading...

ख़ुलासा : इन 4 बैंकों के बेईमान अधिकारियों ने किया था 6 करोड़ कालेधन को सफ़ेद !!



जब से नोटबंदी हुई है कुछ बे ईमान लोगों की वजह से देश का बैंकिंग सिस्टम बदनाम होता जा रहा है। आपको पता ही है देश कि अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी धुरी माने जाने वाले बैंकों ने ही मोदी जी की नोटबंदी को जमकर चूना लगाया है,  बैंक के कुछ  चोर अधिकारियों ने अरबों के कालेधन को सफ़ेद किया है अब ये किसी से छुपा नहीं है ।

कुछ बैंक वालों के लालच कारण देश की जनता लाइनों में खड़ी हजार, दो हजार के लिए तड़प रही है हालाँकि सभी बैंक वाले ग़लत नहीं है ।जैसा आपको पता ही कि हाल में बेंगलुरु के एक व्यक्ति ( नेता) के बाथरूम के सीक्रेट दरवाजे से एक बड़ी जाँच में लगभग ६ करोड़ रूपये बरामद  हुए थे। इसके बाद इस जेडीएस नेता के.सी. वीरेंद्र को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया गया था ।
स्थानीय पुलिस ने जब और छानबीन की तो पाया कि इतनी बड़ी रकम बैंकों के भ्रष्ट अफ़सरों की मिली भगत के बिना बाहर निकालना किसी भी तरीक़े से सम्भव जान नहीं पड़ता है।  इसलिए पुलिस अफ़सरों ने नेता से कड़ी पूछताछ की। मीडिया में आ रही ख़बरों और पुलिस से अब तक मिली जानकारी के हिसाब से कथित तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, ICICI बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के कुछ अधिकारियों का नाम इस जालसाज़ी के मामले में निकालकर सामने आ रहा है। सुनने में आया है इन बैंकों के अधिकारियों के ऊपर FIR भी दर्ज की गई है ।
ग़ौरतलब है कि 10 दिसंबर 2016 को इनकम टैक्स के आला अधिकारियों ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग से करीब 40 किलोमीटर दूर K C  विरेंद्र के घर पर छापेमारी की। उनके गुप्त बाथरूम में बने एक तहखाने में करीब 28 किलो सोने की ईंटें और लगभग 4 किलो सोने के गहने मिले थे। इतना ही नहीं इसके साथ ही, 2000 रुपये के नए नोटों की शक्ल में करीब 5.7 करोड़ रुपये नकद और पुराने 100 व 20 रुपये के नोटों में 90 लाख रुपये कैश भी बरामद हुआ था ।
एक तरफ़ देश की जनता सोच रही थी कि मोदी सरकार ने पूरी तैयरियाँ नहीं की थी और जल्दबाज़ी में नोटबंदी का फ़ैसला ले लिया था लेकिन अब सारी बातें खुलकर सामने आ रही हैं कि बैंकों के अधिकारियों में मिलकर देश के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा किया है । देश की जनता इस वक़्त बैंक वालों से बेहद नाराज़ है हालाँकि अधिसंख्यक लोग नोटबंदी को बिलकुल सही मानते हैं ।
loading...
Previous Post
Next Post
loading...
loading...

0 comments: