
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर: आज नोटबंदी के एक महीने पूरे हो रहे हैं जिसके उपलक्ष्य में कांग्रेस और विपक्षी सांसदों ने अपनी हाथों पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया। कांग्रेसियों को काला दिवस मनाते देखकर बीजेपी नेताओं ने कहा कि ये कालाधन दिवस नहीं बल्कि कालाधन समर्थन दिवस मना रहे हैं और अपनी कब्र खुद खोद रहे हैं।
इस दौरान राहुल गाँधी ने मोदी के नोटबंदी के निर्णय को मूर्खतापूर्ण बताया, उन्होंने कहा कि यह बोल्ड नहीं बल्कि मूर्खतापूर्ण निर्णय है, उन्होंने कहा कि मोदीजी एक बार संसद में तो आयें, मेरा भाषण तैयार है, मै बोलना चाहता हूँ लेकिन मोदीजी हमारी बात सुनने से डर रहे हैं। वो आयें, संसद में बैठें, हमारी बातों को सुनें और बाद में जवाब दें।
मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्य सभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी देश की भलाई और भारीबों के कल्याण के लिए किया गया है लेकिन ये देश का दुर्भाग्य है कि विपक्ष कालेधन वालों का समर्थन कर रहा था।
राज्यसभा में गुरुवार को भी नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान बरकरार रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी।
पूर्वाह्न् 11 बजे ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद पर यह कहकर निशाना साधा कि विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता है और जब सरकार जवाब देने की कोशिश करती है, तो वे सुनते तक नहीं।
सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि यह सदन का नियम है कि सदन के नेता या नेता प्रतिपक्ष दोनों में से एक को ही बोलने की अनुमति दी जाती है।
उन्होंने सत्ता पक्ष के सांसदों से आजाद की बात सुनने का आग्रह करते हुए कहा, "यह सदन का नियम है..हमें इसे मानना चाहिए।"
लेकिन उसके बाद भी हंगामा जारी रहने पर सभापति ने दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
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