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पेश है केजरीवाल का पूरा कच्चा चिट्ठा !! सम्बंध कांड से घोटालों तक !!


केजरीवाल महा सनकी:- ये तो हम सब बहुत अच्छे से जानते है कि केजरीवाल कितने बड़े नौटंकीबाज है. उनकी खुद की पार्टी के नेताओं का कहना है कि वो अपनी बात मनवाने के लिए ड्रामे शुरू कर देते है. केजरीवाल बहुत घमंडी इंसान है. उनकी ये आदतें कई बार सार्वजानिक भी हो चुकी है. 2014 में लोकसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद केजरीवाल ने घड़ियाली आंसू बहाए थे. फ़िल्मी स्टाइल में चीखे थे चिल्लाएं थे. इतना ही नहीं केजरीवाल एक बार एक बैठक में जमीन पर भी लेट गए थे.





जासूसी एजेंसी:- 2015 में केजरीवाल ने सत्ता क्या जीत ली उन्होंने इडी, पुलिस, सीबीआई और कई खुफियां एजेंसियों के रिटायर्ड अधिकारीयों को चुनकर एक टीम बना ली. केजरीवाल ने सोचा था कि वो इस टीम के जरिये एक जासूसी एजेंसी बनायेंगे. केजरीवाल इन लोगों से झूठ बोल-बोल कर फण्ड इक्कठा करते थे. केजरीवाल ये सब गुप्त तरीके से कर रहे थे और इस सबके लिए कानून से कोई मंजूरी भी नहीं ली गयी थी.






जासूसी टीम में भर्तिया:- सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद ही केजरीवाल ने अपनी जासूसी टीम में लगभग 259 नए लोग भर्ती किये. केजरीवाल ने सीक्रेट सर्विस फण्ड की कीमत 1.5 लाख रूपए से सीधा 20लाख कर दी. ये सब 1 अप्रैल 2015 को हुई एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान किया गया. इसी मीटिंग में एकाउंट्स से लेकर इनकम टैक्स इंजीनियरिंग और लीगल प्रोफेशनल की भर्ती की भी बात हुई थी. इस मीटिंग में यह भी तय किया गया था कि जिस तरह के हाईटेक जासूसी उपकरण सीबीआई और आईबी इस्तमाल करते है वैसे ही उपकरण ये भी खरीदेंगे. 29 सितंबर 2015 को एक कैबिनेट बैठक में सतर्कता निदेशालय के तहत एक विभाग बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसको तभी की तभी मंजूरी दे दी गयी. जबकि इस विभाग के बारे में केवल केजरीवाल और उसके मंत्री ही जानते थे. इस विभाग का नाम फीडबैक यूनिट रखा गया. इस यूनिट में 20 लोग काम कर रहे थे. बाद में और भी कई लोग भर्ती किये गए थे जिनकी योग्यता का कुछ अता पता नहीं था.



सलाहकारों के नाम पर सफ़ेद हाथी पालें:- केजरीवाल सरकार ने एक क्रिएटिव यूनिट भी बनाई. कहा गया था कि यह यूनिट सरकारी प्रोजेक्ट्स के लिए सलाहकार का काम करेंगी. इस यूनिट में एक्सपर्ट्स को भर्ती होना था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सिक्यूरिटी गार्ड की भर्ती के लिए तजुर्बे वाली फर्म के जरिये इस यूनिट में भर्तियां की गयी.



अय्याशी करने में सबसे आगे:- अय्याशी करने में केजरीवाल सरकार ने बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों को पीछे छोड़ दिया. दुनिया को दिखाने के लिए केजरीवाल टूटी हुई सैंडल और फटी हुई पैंट पहनते रहे और अंदरखाने विदेशी एजेंसियों के चंदे से अरबपति बनते रहे. केजरीवाल दिखावा करने में सबसे आगे निकले. सीएम बनने के बाद उन्होंने वैगन-आर कार में सफ़र किया. केजरीवाल का ये दिखावा ज्यादा दिन तक नहीं टिका. सरकार की सालगिराह पर ही केजरीवाल ने अपने बंगले के लोन के लिए एक शानदार पार्टी दी थी. इस पार्टी के मेन्यु ने टाटा, बिरला, अम्बानी को भी माफ़ कर रखा था. इस पार्टी की जिम्मेदारी DTTDC को सौंपी गयी थी. DTTDC ने दिल्ली के सबसे महंगे ताज होटल को पार्टी का जिम्मा दिया. इस पार्टी में एक खाने की प्लेट की कीमत 12 हजार रूपए की थी जबकि कानून के मुताबिक ऐसी पार्टियों में प्लेट की कीमत 2500 रूपए से ज्यादा की नहीं हो सकती है. इस पार्टी का बिल आया 9.9 लाख रूपए जबकि सरकार अपनी पार्टियों में 4.5 लाख रूपए से ज्यादा ख़र्च नहीं कर सकती है ।




सिक्यूरिटी गार्ड की भर्ती में घोटाला:- केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बढ़ रहे डॉक्टरों पर हमले का हवाला देकर मोटी सैलरी में सरकारी अस्पतालों के लिए सिक्यूरिटी गार्ड की भर्ती की. केजरीवाल ने ये भी बहुत गुप्त तरीके से किया. इन गार्ड्स की सैलरी सिक्यूरिटी एजेंसियों ने खुद ही तय कर ली. इसमें 8.3 बोनस और 4.8 फीसदी ग्रच्युटी भी रखी गयी.


केजरीवाल के पास भी एक रोबर्ट वाड्रा है:- निकुंज अग्रवाल नाम के एक डॉक्टर ने 6 अगस्त 2015 को दिल्ली के चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में नौकरी के लिए आवेदन जमा किया था. इनकी एप्लीकेशन में ढेर सारी ग्रामर की गलतियाँ होने के बावजूद भी इसकी नियुक्ति की गई. आपको बता दे कि उस समय अस्पताल में कोई वैकेंसी तक भी नहीं थी. इतना ही नहीं इसके एक महीने बाद ही 4 सितम्बर 2015 को निकुंज अग्रवाल को सत्येन्द्र जैन का ओएसडी बना दिया गया. आपको बता दे कि निकुंज अग्रवाल केजरीवाल की साली की बेटी के पति थे यानी केजरीवाल के दामाद हैनिकुंज को अब तक चार बार एक्सटेंशन मिल चूका है.

इन लड़कियो का विडियो देख हर कोई दंग रह जायेगा
विडियो एकांत मे देखै। 






प्रचार में पानी की तरह पैसा बहाया:- पिछले साल जुलाई में शुरू हुआ ‘टाक तू एके’ प्रोग्राम में देशभर से ऑनलाइन प्रचार किया गया था. इस प्रोग्राम में इतने घोटाले हुए जिसकी कोई हद नहीं. इस प्रोग्राम में दिखाया जाता था कि जनता के सवाल लाइव लिए जाते है लेकिन सच यह है कि ये पहले से फिक्स था.


बड़े मंत्रियों को विदेश घुमने का चस्का:- डिप्टी कमिश्नर मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन विदेशी दौरे में सबसे आगे थे. फरवरी 2015 में सत्ता संभालने से अब तक कुल 8 फॉरेन ट्रिप कर चुकें है ये दोनों. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अपने चार साथियों के साथ 1 अगस्त से 15 अगस्त 2015 तक ब्राजील के साओ पाउलो गए थे. 2 सितंबर से 3 सितंबर 2015 आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने यूके के मैनचेस्टर की यात्रा की. 17 मार्च से 20 मार्च 2016 तक इस दौरान मनीष सिसोदिया और उनके पीए 3 दिन की लंदन सैर पर रहे.


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