
शादी से पहले जब वर पक्ष कन्या देखने जाता है तो उसके मुख मण्डल से अधिक चाल-ढाल को देखता है क्योंकि इससे यह जाना जाता है की लड़की कितनी गुणी और भाग्यवान है। क्या वो ससुराल पक्ष के लिए लक्ष्मी का रूप बनकर आएगी? सनातन धर्म के ग्रंथ भविष्य पुराण में वर्णित है कि ब्रह्मा जी से जब मनीषीयों ने स्त्रियों के सर्वोत्तम गुण जानने चाहे तो ब्रह्मा जी ने कहा कि महिलाओं की चाल के जरिए उनके चाल-चलन के बारे में जाना जा सकता है।

1. गाय के समान चलने वाली महिलाएं साक्षात लक्ष्मी का रूप होती हैं।
2. हंस और मस्त हाथी के समान जो महिलाएं चलती हैं वह उत्तम होती हैं। इनके चरण जिस घर में पड़ते हैं वहां देवी लक्ष्मी वास करती हैं।
3. जमीन पर पांव पटक कर तेज गति से चलने वाली महिलाएं मायके और ससुराल दोनों के लिए दुखदाई होती हैं। उनका स्वयं का जीवन तो कष्टों में व्यतीत होता ही है कुल को भी दुख पंहुचाती हैं।
4. जो महिलाएं चलते समय एड़ियों को उठा कर चलती हैं उनका भविष्य अंधकारमय होता है।

5. हिरण जैसी आंखों वाली महिलाएं बहुत सुंदर और उच्च कोटी की होती हैं लेकिन हिरण जैसी चाल वाली महिलाएं कभी आजाद नहीं रह सकती।
6. कौए जैसी चाल वाली महिलाएं बहुत बुरी होती हैं।
7. भविष्य पुराण में यह भी बताया गया है कि जिस स्त्री के पांव कोमल और रंग लाल के होते हैं वह महारानियों के समान जीवन जीती हैं।
8. पैरों की उंगलियां छोटी और एक-दूसरे से हट कर हों तो ऐसी महिलाओं को जीवन भर आर्थिक अभावों से गुजरना पड़ता है।
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