अक्सर आपने लोगों से सुना होगा होगा की किसी लड़की या स्त्री को समझना असंभव है। इसे तो भगवान ही समझाएं लेकिन क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों कहा जाता है इसके पीछे भी एक कहानी है तो आइए आज हम आपको बताते है इसके पीछे क्या है कारण। कारण यह है कि स्त्रियां ऊपर से देखने पर जितने कोमल होती हैं, उतनी ही वह आंतरिक और मानसिक तौर पर मजबूत होती हैं। कहते हैं ईश्वर ने स्त्री की रचना 6 दिन में की थी। पौराणिक ग्रंथों में इस पूरी कहानी को बेहतर तरीके से समझाया गया है।
एक बार एक देवदूत ने ईश्वर से प्रश्न किया, ‘प्रभु स्त्री को बनाना आपके लिए मुश्किल क्यों था?’ ईश्वर ने कहा, ‘स्त्री मेरी ऐसी रचना है जो हर विषम परिस्थिति में अपने पैर पीछे नहीं करती है। हर मुसीबत में संभाल कर रखती है। मैंने स्त्री में इतने गुण विद्यमान किये हैं कि अगर इनके सामने बड़ी से बड़ी मुसीबत भी आ जाए तो ये उसे हंसकर स्वीकार कर लेती है। इतना प्रेम डाला है कि पूरी दुनिया एक तरफ और स्त्री का प्रेम एक तरफ ताकि स्त्री के प्रेम में कमी नहीं आए।
देवदूत ने जिज्ञासा पूर्वक ईश्वर से पुनः प्रश्न करते हुए कहा, ‘स्त्री कितनी भी मजबूत हो लेकिन पुरुष से तो कमजोर है? ईश्वर ने कहा, ‘स्त्री की ताकत उसके आंसू हैं।’ देवदूत ने पूछा, ‘वह कैसे? तब ईश्वर ने बहुत ही सुंदर उत्तर देते हुए कहा, जब स्त्री रोती है तो, वह स्वंय को ही कमजोर समझती है। लेकिन इन्हीं आंसुओं से स्त्री को वो ताकत मिलती है, जिससे वह बड़ी से बड़ी मिश्किलों को हरा सकती है।
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