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जानिए रेडिएशन से हो सकते हैं ये खतरनाक नुकसान...

हम हर रोज किसी ना किसी रुप में रेडिएशन के संपंर्क में जरूर आते हैं। यह रेडिएशन हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकते हैं। जानिए रेडिएशन से होने वाली समस्याओं के बारे में।
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    रेडिएशन का सेहत पर असर

    तकनीक का इस्तेमाल करने से हम निश्चित तौर पर खुद को काफी आराम की स्थिति में पाते हैं। लेकिन तकनीक के इस बढ़ते दौर ने जहां आपकी लाइफ को आसान बना दिया है वहीं यह आपकी सेहत पर भी भारी पड़ता जा रहा है। आपके रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जाने वाली चीजों जैसे सेल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर से निकलने वाला रेडिएशन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। जानिए कैसे।  
    रेडिएशन का सेहत पर असर
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    प्रजनन क्षमता पर असर

    हमारे देश में आधी से ज्यादा आबादी के हाथों में मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स आ चुके हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन और उसके टॉवर्स से निकलने वाला रेडिएशन पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर डालने के अलावा, शरीर की कोशिकाओं के डिफेंस मैकेनिज्म को नुकसान पहुंचाता है।
    प्रजनन क्षमता पर असर
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    मानसिक रोग

    लैपटॉप के रेडिएशन से स्‍मरण शक्ति पर प्रभाव पड़ता है और इसके कारण आपकी याददाश्‍त कम हो सकती है। लैपटॉप का लगातार इस्तेमाल और इसके रेडिएशन से हमारी स्मरण शक्ति कमजोर होती है और अल्जाइमर जैसी समस्याएं सामने आती हैं। लैपटॉप पर हेडफोन के साथ देर तक काम करने से हर समय लगता है कि कानों में कुछ गूंज रहा है। नींद आने में भी परेशानी होती है।
    मानसिक रोग
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    आंखों को नुकसान

    लैपटॉप की स्क्रीन से लगातार सॉफ्ट रेडिएशन किरणें निकलती रहती हैं, जिनका आंखों पर बुरा असर पड़ता है। आंखों के बाहरी हिस्से पर पानी जैसा एक द्रव्य पाया जाता है, जिससे हमारा दृश्य साफ होता है। इसकी कमी से दृष्टि दोष व आंखों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। इससे बचने के लिए आंखों को आराम देना होता है, जो पलकों के झपकने से उन्हें मिलता है।
    आंखों को नुकसान
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    कारपेल्‍टन सिंड्रोम

    लैपटॉप के रेडिएशन के कारण युवाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। देर तक लैपटॉप पर टाइप करने और इसके रेडिएशन के संपर्क में आने के कारण उंगलियां सुन्न पड़ जाती हैं, कलाई व बाजू के हिस्सों में सूजन व दर्द होता है।
    कारपेल्‍टन सिंड्रोम
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    ब्रेन ट्यूमर

    जो लोग घंटों मोबाइल पर बातें करते रहते हैं। उनमें ब्रेन ट्यूमर की आशंका अन्य लोगों के मुकाबले कई गुना बढ़ जाती है। इससे निकलने वाली विकिरण (रेडिएशन) मस्तिष्क पर गहरा असर डालती है।
    ब्रेन ट्यूमर
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    कार्यक्षमता पर असर

    रेडिऐशन हमारे स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ करती है और हमारी कार्यक्षमता को भी कम करती है। हम पूरे दिन में लगभग 500 बार इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से प्रभावित होते हैं। यह हमारी एकाग्रता को प्रभावित करती हैं, चिड़चिड़ा बनाती है और थके होने का अहसास कराती है।
    कार्यक्षमता पर असर
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    स्तन कैंसर

    रेडिएशन का शरीर के हर एक हिस्से पर काफी गहरा असर होता है। गर्भवती महिलाएं अगर कापी देर तक मोबाइल या लैपटॉप के संपंर्क में रहती हैं तो इस विकिरण से स्तन कैंसर की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
    स्तन कैंसर
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    बच्चों की खोपडी पर असर

    दस साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल न करने दें। उनकी  खोपड़ी की हड्डियां नर्म होती हैं। चूंकि उनका मस्तिष्क ज्यादा विकसित नहीं होता है, इसलिए रेडिएशन का प्रभाव ज्यादा हो  सकता है।
    बच्चों की खोपडी पर असर
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