
नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद नेपाल के साथ भी संबंध बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है. वजह है योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े हैं और नेपाल का बाबा गोरखनाथ के साथ पुराना नाता रहा है. खुद योगी आदित्यनाथ का भी नेपाल में अच्छा खासा असर है.
नेपाल के मशहूर पशुपति नाथ मंदिर और गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के बीच दूरी करीब 350 किलोमीटर है. इन दोनों जगहों के बीच पुराना नाता है.
पशुपतिनाथ मंदिर के अंदर बाबा गोरखनाथ की धुनी मौजूद है. बताया जाता है कि बाबा गोरखनाथ ने यहां करीब 12 साल एक ही जगह बैठकर तपस्या की थी. मंदिर में ही नहीं बल्कि पूरे नेपाल में बाबा गोरखनाथ की छाप दिखाई देती है. गोरखा शब्द ही गोरख से बना है. राजतंत्र के खात्मे से पहले तक नेपाल की करेंसी पर बाबा गोरखनाथ के चरण चिन्ह होते थे.
कहा जाता है कि नेपाल का राजपरिवार खुद बाबा गोरखनाथ का शिष्य है. यही वजह है कि नेपाल राज परिवार की तरफ से खिचड़ी हर साल बाबा गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाई जाती है.
बाबा गोरखनाथ के बनाए रिश्ते को योगी आदित्यनाथ ने भी बनाए रखा है. योगी आदित्यनाथ विश्व हिंदू महासंघ की भारत शाखा के अध्यक्ष हैं जिसकी नेपाल में अच्छी खासी पैठ है. व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद योगी आदित्यनाथ नेपाल का दौरा करते रहे हैं यही वजह है कि नेपाल के मधेशियों के बीच योगी आदित्यनाथ बड़ा नाम हैं.
पिछले साल सितंबर महीने में योगी ने नेपाल हिन्दू युवा वाहिनी को गठित किया था और नेपाल में ज्ञानेंद्र राज भट्ट को युवा वाहिनी का अध्यक्ष बनाया गया है. सितंबर महीने से अबतक 10 हज़ार के करीब युवकों को इस संगठन से जोड़ा गया है. नेपाल में चीन के दखल के बाद भारत के रिश्ते कुछ खराब हुए हैं. पर योगी आदित्यनाथ का यूपी का सीएम बनने के बाद रिश्ते सुधारने का एक सूत्र और जुड़ गया है.
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