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गाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं पर मांस से बना कबाब संस्कृति का हिस्सा हो गया : सुरेश चव्हाणके



गैर कानूनी कत्लखाने यूपी में बंद होने शुरू हुए और अभी तक 500 से अधिक कत्लखानो को बंद किया गया है, कई कत्लखानो की दीवार भी गिराई गयी है 
ये तमाम कारवाही फिलहाल गैर क़ानूनी कत्लखानो पर ही चल रही है, हालाँकि मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा है की, आने वाले समय में वैध कत्लखानो पर भी बड़ा फैसला करेंगे 

कत्लखानो पर हो रही कारवाही से सेक्युलर तत्व और खासकर कांग्रेस पार्टी बेहद नाराज है 
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो मांस को, टुंडे कबाब को भारतीय संस्कृति का हिस्सा तक बता दिया, और बीजेपी की आलोचना की 

कपिल सिब्बल के अलावा कुख्यात प्रेस्स्या बरखा दत्त ने भी मांस को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बता दिया
अब इन्ही लोगों पर सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख संपादक और राष्ट्रवादी पत्रकार सुरेश चव्हाणके ने भी निशाना साधा है, और उनकी बातों में तर्क भी शामिल है 

सुरेश चव्हाणके ने कहा की, गाय हज़ारों सालों से दूध पिला रही है, पर आजतक इन लोगों ने गाय को भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं माना, लेकिन मांस से बने टुंडे कबाब को ये भारतीय संस्कृति का हिस्सा बता रहे है 

सुरेश चव्हाणके ने ये भी कहा की, गौहत्यारों से भी अधिक खतरनाक ये सेक्युलर लोग है 
जो गौहत्यारों का बचाव करते है, और उनके समर्थन में बयान बाजी करते है 

सुरेश चव्हाणके ने कहा की, सिर्फ गैर क़ानूनी ही नहीं बल्कि आने वाले समय में सभी कत्लखाने बंद किये जाने चाहिए, और सही मायनो में भारतीय संस्कृति की स्थापना करनी चाहिए 
उसी के बाद भारत फिर से विश्वगुरु बन सकेगा 
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