गर्भवती महिलाओ के लिए फलों का सेवन करना बहुत ही जरूरी होता है क्यों की फलों से ही हमारे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते है तथा गर्भवती महिलाओ और उसके बच्चे के लिए आवश्यक पोषक पदार्थ मिलना बहुत आवश्यक है नही तो अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते है !
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लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसे फल भी है जिनका गर्भावस्था में प्रयोग करने से भी अनेक घातक विकार उत्पन्न होते है तो ऐसे फलों का सेवन करने से भी बचे !
@ अंगूर का प्रयोग नही करे :
डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को उसके गर्भवस्था के अंतिम तिमाही में अंगूर खाने से मना करते है। क्योंकि इसकी तासिर गरम होती है। इसलिए बहुत ज्यादा अंगूर खाने से असमय प्रसव हो सकता हैं। कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान अंगूर ना खाए।
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@ पपीता का प्रयोग नही करे :
कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान पपीता ना खाए। पपीता खाने से प्रसव जल्दी होने की संभावना बनती है। पपीता, विशेष रूप से अपरिपक्व और अर्द्ध परिपक्व लेटेक्स जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है को बढ़ावा देता है। गर्भावस्था के तीसरे और अंतिम तिमाही के दौरान पका हुआ पपीता खाना अच्छा होता हैं। पके हुए पपीते में विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों जैसे कब्ज को रोकने में मदद करता है। शहद और दूध के साथ मिश्रित पपीता गर्भवती महिलाओं के लिए और विशेष रूप से स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए एक उत्कृष्ट टॉनिक होता है।
@ अनानस का प्रयोग नही करे :
गर्भावस्था के दौरान अनानस खाना गर्भवती महिला के स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। अनानास में प्रचुर मात्रा में ब्रोमेलिन पाया जाता है, जो गर्भाशय ग्रीवा की नरमी का कारण बन सकती हैं, जिसके कारण जल्दी प्रसव होने की सभावना बढ़ जाती है। हालाकि, एक गर्भवती महिला अगर दस्त होने पर थोड़ी मात्रा में अनानास का रस पीती है तो इससे उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। वैसे पहली तिमाही के दौरान इसका सेवन ना करना ही सही रहेगा, इससे किसी भी प्रकार के गर्भाशय के अप्रत्याशित घटना से बचा जा सकता है।
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