सरहद पर हमारे फौजी, देशभक्ति के परम-पवन जज्बे को दिल में थामे, देश की सुरक्षा में जुटे रहते हैं! वो अपने परिवार को पीछे छोड़ के आते हैं! अपनी दुल्हन, अपने बच्चों, दोस्तों.. सबको पीछे छोड़ कर आते हैं!
लेकिन, उनके परिवार की सुरक्षा का क्या? उसकी जिम्मेवारी भी क्या सेना ही लेगी? या वो कर्त्तव्य उनके इलाके की पुलिस और वहां की राज्य सरकार का है?
उत्तर प्रदेश में अराजकता किस कदर फैली हुई है, उसका अनुमान पुरे देश के करोड़ों लोगों को है! समाजवाद के भेष में, एक माफिया (SP) सत्ता में है और अधिक से अधिक, वो नमाज-वादी बनने की कोशिश करते हैं!
जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश में गौ-हत्या के आरोपी अखलाख के लिए पूरी की पूरी उत्तर प्रदेश सरकार और उनका नपुंसक पुलिस तंत्र हरकत में आ गया था, सैनकों के माता-पिता को सरेआम तंग किया गया, परिवार वालों की पिटाई की गई, तो कोई नामर्द आगे नहीं आया! किसी ने उन्हें इलाका छोड़ कर दूसरी जगह फ्लैट देने की पेशकश नहीं की! क़ानूनी मदद तो दूर की बात!
ये सब देखकर लगता है की आखिर ऐसी भी क्या विडम्बना है इस देश की.. ऐसी भी क्या मजबूरी है इस देश की हम एक फौजी के परिवार के साथ होने वाले अन्याय को भी नहीं रोक सकते! अखिलेश यादव जैसे नेता तो नपुंसक बने बैठे हैं पर हमें यकीन है की हमारे पाठक चुप नहीं रहेंगे! इस बात को अपने स्तर पर उठाने की कोशिश जरूर करें!
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