
अब कुछ सेक्युलर मीडिया वालों को इससे भी तकलीफ है. जी हाँ हमारे जाने माने सेक्युलर पत्रकार राजदीप सरदेसाई को इस फैसले से भी तकलीफ है. राजदीप सरदेसाई ने अपनी ये तकलीफ ट्विटर के जरिये जाहिर की. उन्होंने tweet कर लिखा कि ” मैं मराठा किंग का बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ लेकिन अच्छा होता अगर इन रूपए का कही और इस्तमाल किया जाता तो.” देखे उनका ट्वीट.
राजदीप के ट्वीट पर लोगों ने राजदीप को ऐसा धोया की राजदीप की बोलती बंद हो गयी. देखें लोगों ने कैसे राजदीप को पटक पटक कर धो डाला. किसी ने ट्वीट कर राजदीप को जवाब दिया “दिल्ली में इतने बड़े बड़े स्मारक बने हुए है कभी उनपर राजदीप ने अपनी राय नहीं रखी”. कोई राजदीप से पूछे तब कुछ नहीं बोला ये जब हज सब्सिडी पर 3800 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे थे. तब क्यूँ नहीं बोला की ये पैसा शिक्षा और सामाजिक विकास के काम में लगाया जाना चाहिए था. यही है इन सेक्युलर पत्रकारों का सेकुलरिज्म.
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