अभी अभी एक और चोंका देने वाली ख़बर आयी है, बता दें कि तुर्की की राजधानी अंकारा में रूसी राजदूत की हत्या से पहले ही सनसनी फैली हुई है अब उसके बाद खबर आ रही है कि अंकारा में ही अमेरिकी दूतावास के सामने भी हवा में फायरिंग की गई है। लेकिन इस आरोपी को तुरंत गिरफ़्तार कर लिया गया। मीडिया में आ रही ख़बरों के उसने हवा में करीब 8 बार फायरिंग की थी।
जैसे अभी तक ख़बर आयी है उसके अनुसार फायरिंग करने वाले आरोपी ने अपने लोंग कोट में शॉटगन छुपा रखी थी। राहत देने वाली ख़बर ये है कि इस आदमी को फायरिंग के दौरान पुलिस ने पकड़ लिया और जान माल का कोई नुक़सान नहीं हुआ ना ही अबतक किसी के घायल होने की खबर है।लेकिन सुरक्षा के मद्देनज़र इस हमले के बाद अमेरिकी दूतावास को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है।
मीडिया की ख़बरों के अनुसार बता दें कि इन हमलों के पीछे रूस द्वारा सीरिया में चल रहे युद्ध के समर्थन को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसकी ही वजह से तुर्की और रूस के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। और इस्ताबुंल में भी रूस के वाणिज्य दूतावास के बाहर जो विरोध हुआ थाउसको इससे जोड़कर देखा जा रहा है पर मुद्दा ये है कि नाराज़गी रूस से है तो अमेरिका के दूतावास पर फ़ायरिंग क्यूँ ?
दरसल रेडिकल मुस्लिम आतंकियों की हत्या और हमलों के पीछे कोई वजह नहीं होती जब कट्टर लोग इनको बहका देते हैं तो ये तुरंत मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं इनकी धार्मिक शिक्षा में ही कहीं ना कहीं बड़ा खोट है नहीं तो दुनिया में एक ही समुदाय के लोग ही आतंक क्यूँ फैलाते ? दूसरे सब शांत हैं पर एक समुदाय को सारी दुनिया से दिक़्क़त है और वो सबसे जल्दी हिंसा का रास्ता अपना रहा है तो क़ुसूर उसी समुदाय का है बाक़ी किसी का नहीं ।
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