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जानिये पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रहस्य, जिन्हें जानकर आप रह जायेंगे दंग !!
जानिये पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रहस्य, जिन्हें जानकर आप रह जायेंगे दंग !!
हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं में चारों धामों को एक युग का प्रतीक माना जाता है. इस तरह कलयुग का एक पवित्र धाम जगन्नाथ पूरी को माना गया है. क्या आप जानते है सैकड़ों साल पुराना ये मंदिर अपने अंदर कई गहरे रहस्य समेटें हुए है. इस मंदिर से इतने चमत्कार जुड़े हुए है जिन्हें विज्ञान भी नमस्कार करता है. असीम रहस्यों को समेटें हुए है भगवान जगन्नाथ. गौरवपूर्ण अतीत के साथ गहरे राज का केंद्र है भगवान जगन्नाथ. आज जानिये जगन्नाथ मंदिर के 10 राज.
- यह दुनिया का सबसे भव्य और ऊँचा मंदिर है. यह मंदिर 4,00,000 वर्ग फुट में फैला है और इसकी उचाई लगभग 214 फुट है. मंदिर के पास खडें रहकर इसका गुबंद देख पाना असंभव है. इस मंदिर में विशालकाय गुबंद की छाया नहीं बनती. इस गुबंद की छाया दिन के किसी समय अद्रश्य ही रहती है.
- इस भव्य मंदिर के गुबंद के ऊपर लगा ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है. यानी अगर हवा पूर्व से पश्चिम दिशा में बह रही है तो यह ध्वज पश्चिम से पूर्व की ओर लहराएगा. इसका कारण आजतक वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए लेकिन यह बहुत आश्चर्यजनक है.
- इस मंदिर के ऊपर लगे चमत्कारिक सुदर्शन चक्र को किसी भी दिशा से देखा जा सकता है. किसी भी दिशा से देखने पर लगता है यह चक्र आपके सामने है. इसे नील चक्र भी कहा जाता है. ये अष्टधातु से बना है और बेहद पवित्र है.
- आम दिनों के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के समय इसके विपरीत. लेकिन पूरी में इसका उल्टा होता है. यहाँ हवा जमीन से समुद्र की ओर चलती है.
- मंदिर के ऊपर गुबंद के आसपास अबतक कोई पक्षी उड़ता हुआ नहीं देखा गया. इसके ऊपर से विमान भी नहीं उड़ाया जा सकता है. मंदिर के शिखर के पास पक्षी उड़ते नजर नहीं आते.
- 500 रसोइया और 300 सहयोगी साथ मिलकर भगवान जगन्नाथ जी का प्रसाद बनाते है. यहाँ हर रोज लगभग 20,00,000 लोग भोजन कर सकते है. प्रसाद की एक मात्र कभी व्यर्थ नहीं जाती.
- मंदिर के सिंह द्वार पर पहला कदम रखते ही समुंदर से उठने वाली कोई भी आवाज़ नहीं सुनाई देती है.

- यहाँ श्री कृष्णा को भगवान जगन्नाथ कहा जाता है. जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलराम और बहिन सुभद्रा विराजमान है. तीनों की ये मूर्तियाँ काष्ट की बनी हुई है. यहाँ हर बारह साल में ये प्रतिमाएं नयी बनाई जाती है लेकिन इनका आकार और रूप वही रहता है.
- यहाँ दुनिया की सबसे बड़ी रथयात्रा होती है.
- माना जाता है कि समुद्र ने 3 बार जगन्नाथ मंदिर को तो दिया था. कहते है कि महाप्रभु जगन्नाथ ने समुन्द्र को नियंत्रित करने के लिए हनुमान जी को तैनात कर दिया था.
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