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जानिए क्यों हम ये चार सपने हमेशा देखते हैं और कभी भूलते नहीं


कहा जाता है कि सपने दो तरह से देखे जाते हैं। एक खुली आंखों से और दूसरे सोते हुए। अमूमन ऐसा माना जाता है कि ये सपने हमारे आसपास की दुनिया से ही संबंधित होते हैं। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स हो, जो सोते हुए सपने न देखता हो। लेकिन क्या वजह है कि कुछ सपने बहुत लंबे समय तक याद रहते हैं।

कैलिफोर्निया के बार्कले यूनिवर्सिटी के द ग्रेजुएट यूनियन ऑफ थियोलॉजी के स्कॉलर और ड्रीम इंवेस्टिगेटर केली बुलकेले ने उन सपनों के बारे में शोध किया है, जो लोगों को हमेशा याद रह जाते हैं।

हालांकि, केली बुलकेले की दिलचस्पी सपनों में बिल्कुल भी नहीं है। उनकी दिलचस्पी का विषय वे सपने रहे हैं, जो लोगों को हमेशा याद रह जाते हैं। शोध अध्ययन करने की वजह यह थी कि वह बचपन से ही यह जानना चाहते थे कि कुछ सपने उन्हे बार-बार क्यों आते हैं? वे बताते हैं किः
“मैंने उन सपनों पर काम किया है जो लोगों के दिमाग में हमेशा के लिए रह जाते हैं।”


उन्होंने अध्ययन के आधार पर पाया कि ज़्यादातर इंसान चार तरह के सपनों को बार-बार देखता है, जिसे वो भूल नहीं पाता। इन चार सपनों का नाम उन्होने बिग ड्रीम्स दिया है।

बुलकेले ने शोध में इन सपनों और उसके मतलब भी बताया है। आइए जानते हैं क्या कहती है केली बुलकेले की शोध रिपोर्ट।

1. नीचे गिरना

ऊंचाई से नीचे गिरने का सपना लोग ख़ूब देखते हैं। हवा में उड़ने की तुलना में बहुत ज़्यादा ख़ास बात यह है कि लोग इसे भूलते भी नहीं।


2. सेक्स से जुड़े अनुभव

अध्ययन के मुताबिक सेक्स रिलेशन के सपने भी जल्दी नहीं भूलते। ख़ास बात ये भी है कि सेक्स से जुड़े सपने पुरुष ज्यादा देखते हैं और महिलाएं कम। (अध्ययन में शामिल 85 फ़ीसदी पुरुष और 58 फ़ीसदी महिलाएं)


3. स्कूल, स्कूल टीचर और पढ़ाई

थोड़े समय तक भी स्कूली शिक्षा लेने वाले लोग स्कूल के अनुभव, स्कूल टीचर और पढ़ाई से जुड़े सपनों को याद रखते हैं। सालों साल बाद भी।


4. कोई हमला या किसी का तंग किया जाना

ऐसे डरावने सपने अमूमन बच्चे देखते हैं और मनोचिकित्सकों के मुताबिक डरावने सपने लोग जीवन भर याद रखते हैं।


बुलकेले कहते हैं कि किसी का सपना देखना बेहद निजी और व्यक्तिगत अनुभव होता है, लेकिन दुनिया भर के लोगों के सपनों एक तरह की समानता भी देखने को मिलता है। उन्होंने बतायाः

“हम-आप ही नहीं, हज़ारों सालों से लोग सपने देख रहे हैं। अलग अलग संस्कृतियों और अलग अलग परिवेश में रहने वाले लोग, इतिहास के अलग अलग काल में रहने वाले लोग। लेकिन हर दौर में सपने को एक चिंता से जोड़कर देखा जाता रहा है, कुछ बुरा होने की आशंका से देखा जाता है।”
बुलकेले ये भी मानते हैं कि लोगों के सपने देखने की वजहें अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन मानव के रूप में अनुभव एक जैसे मिले हैं।
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