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कालेधन को काले से सफ़ेद करने के लिए माफियाओं ने बैंक की ब्रांच मैनेजरों से बनाया दोस्ताना

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 प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी के बाद नोटबदली के लिए 50 दिनों का वक्त माँगा है लेकिन यह वक्त बहुत अधिक है क्योंकि केंद्र सरकार ने जब से नोट बदलवाने वाले लोगों की उँगलियों पर स्याही लगानी शुरू कर दी, लाइनें आधी हो गयीं इससे साबित हो गया है कि आधे से अधिक लोग दिहाड़ी लेकर कालेधन को सफ़ेद करने के लिए लाइन में लग रहे थे। 

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अब कुछ ख़बरें ऐसी आ रही हैं कि कालेधन को सफ़ेद करने के लिए बेईमान और माफिया बैंक की ब्रांच मैनेजरों से संपर्क साध रहे हैं और उन्हें अपने समर्थकों की हजारों आईडी देकर उनके जरिये कालेधन को सफ़ेद कर रहे हैं और बदले में उन्हें मोटा कमीशन दे रहे हैं, बैंक मैनेजर भी लालच में आकर ऐसा काम कर रहे हैं। 

उदाहरण के लिए अगर किसी के पास 20 लाख रुपये का कालाधन है तो वह किसी तरह से 1000 आईडी का जुगाड़ करके ब्रांच मैनेजरों को दे रहा है, हर आईडी पर 2 हजार बदलवानी की छूट है इसलिए वह एक दो लाख कमीशन देकर अपने 20 लाख कालेधन को सफ़ेद कर रहा है, इसीलिए बैंकों में पैसा ख़त्म हो जा रहा है और बड़ी बड़ी लाइनें लग रही हैं, शाम होते होते पैसा ख़त्म हो जा रहा है जो कि होना नहीं चाहिए। गलत काम करने के लिए बैंक मैनेजर जान बूझकर बाहर बड़ी बड़ी लाइनें लगवाते हैं, अगर वे चाहें तो महिला, पुरुष, अपना ग्रैहम और पराये ग्राहकों की अलग अलग लाइनें लगाकर उन्हें सुविधा दे सकते हैं लेकिन वे ऐसा करते नहीं हैं, वे बाहर झुण्ड में लाइनें लगवाते हैं ताकि लोग परेशान रहें और ज्यादा लोगों को पैसे ना देंगे पड़ें। 

काम जल्दी करवाने के लिए मोदी सरकार को बैंकों की ब्रांच मैनेजरों के घरों पर छापे मरवाने पड़ेंगे, अगर इनकम टैक्स अफसर छापे मारने शुरू कर देते हैं तो बैंक मैनजरों में डर फैलेगा और ये बेईमानों के संपर्क में आने से डरेंगे, इसके अलावा बैंक अधिकारीयों के केबिन में भी CCTV कैमरे लगाए जाने चाहियें और रोजाना घर जाते समय उनकी जेबों की जांच की जानी चाहिए। 

अगर ब्रांच मैनेजर इमानदार हैं तो यह काम बहुत जल्दी हो सकता है क्योंकि अब ATM से भी पैसा मिलने लगा है और लोग लाइनों में लगने से बच रहे हैं, जिसके पास पैसा है वह ATM से पैसा निकालकर अपना काम चला रहा है और पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंकों में भीड़ कम होने का इन्तजार कर रहा है। स्याही लगाने वाला आइडिया निश्चित तौर पर बढ़िया आइडिया है लेकिन बैंक अधिकारियों पर ध्यान देना होगा। 

केंद्र सरकार द्वारा आठ नवंबर को की गई नोटबंदी के 12 दिन बाद आम आदमी को राहत मिलती दिख रही है। लोग सोमवार को भी बैंकों-एटीएम के बाहर कतारों में खड़े दिखे लेकिन लाइनें पहली की अपेक्षा आधी हो गयीं हैं। उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 16 में कुछ बैंकों के बाहर कम से कम 40-50 लोग कतार में इंतजार करते पाए गए, जबकि कुछ लोग अंदर भी इंतजार करते नजर आए।
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