
मोहनदास गाँधी, जिसे कांग्रेस भारत का कथित राष्ट्रपिता भी बताती है, और ये भी बताती है की
मोहनदास गाँधी ने बिना खडग और बिना ढाल ही भारत को अंग्रेजो से आज़ादी दिला दी, जो काम लाखों भारतीय जान देकर भी नहीं कर सके वो काम मोहनदास गाँधी ने बिना खडग बिना ढाल के ही कर दिखाया
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नोट : मोहनदास गाँधी से हमारी यानि दैनिक भारत की कोई निजी दुश्मनी नहीं है
मोहनदास गाँधी अपनी जिंदगी में क्या करते थे, और क्या नहीं, इस से हमे क्या लेना देना, पर जब जब मोहनदास गाँधी को "महात्मा" और भारत का "राष्ट्रपिता" सेक्युलर तत्वों द्वारा बताया जाता है
तब तब हमारा खून खौल जाता है, और हम मोहनदास गाँधी के बारे में अपने पाठकों को जानकारियां देने लगते है
बात ऐसी है की, मोहनदास गाँधी की शादी कम उम्र में ही हो गयी थी, मोहनदास गाँधी के 4 बेटे पत्नी कस्तूरबा से थे, कस्तूरबा गाँधी का देहांत हो गया
और कांग्रेस के बताये अनुसार मोहनदास गाँधी, जीवन भर अंग्रेजो से लड़ते ही रहे
अब यहाँ एक चीज गौर करने वाली ये है की, अंग्रेजों के खिलाफ आम भारतीय लड़ते थे, तो जलियावाला बाग़ हत्याकांड होता था, खुदीराम बोस जैसे बच्चों को फांसी दे दी जाती थी, भगत सिंघों को मौत के घाट उतार दिया जाता था
पर गाँधी को बुक लिखने की आज़ादी दी जाती थी, धरना देने की आज़ादी दी जाती थी, गाँधी पर न अंग्रेज गोली चलाते थे और न ही गाँधी का दमन किया जाता था
आपको एक और चीज नोट कर लेनी चाहिए, की गाँधी के 4 बच्चे थे और बुढापे में गाँधी, 2 पोती उम्र की लड़कियों को सेविका की तरह रखते थे, जिनके साथ गाँधी की तस्वीर आप ऊपर देख सकते है
ये 2 लड़कियां गाँधी के साथ रहा करती थी
और गाँधी ने इन 2 लड़कियों को अपने पास एक खास मकसद से रखा था और वो मकसद था "ब्रह्मचार्य का टेस्ट"
इन दोनों लड़कियों के साथ गाँधी रोजाना नग्न सोया करते थे, इसके पीछे गाँधी बताया करते थे की, वो ये जांचना चाहते है की, अब वो खुद को कण्ट्रोल कर सकते है या नहीं
अपने ब्रह्मचर्य के इम्तिहान के लिए मोहनदास गाँधी ने 2 लड़कियों का खूब इस्तेमाल किया, हालाँकि ये अभी तक किसी को नहीं पता चल सका की मोहनदास गाँधी अपने टेस्ट में पास हुए थे या फेल
4 बच्चे करने के बाद मोहनदास गाँधी ब्रह्मचर्य का इम्तिहान ले रहे थे
इन लड़कियो का विडियो देख हर कोई दंग रह जायेगा
विडियो एकांत मे देखै।
अब जब कांग्रेस और सेक्युलर तत्व गाँधी के बारे में कहते है की, बिना खडग बिना ढाल के ही मोहनदास गाँधी ने आज़ादी दिला दी, ब्रह्मचर्य के टेस्ट वाली बात क्यों नहीं बताते
कड़वा सच ये है की, जब 12-20 साल के युवक आज़ादी के लिए क़त्ल किये जा रहे थे, उस समय पोती उम्र की लड़कियों के साथ मोहनदास ब्रह्मचर्य का टेस्ट लेकर आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे
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