सम्बंध हसरतों' के बारे में बात करने वाले सबसे पहले व्यक्ति फ़्रांसिसी मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिनेट थे। उन्होंने इस का विवरण किसी खास तरह की सम्बंध कामना रखने वाले व्यक्तियों के सन्दर्भ में किया।
आज इनका उल्लेख किसी ऐसी चीज़ से जोड़कर किया जाता है जो आमतौर पर हमारे सम्बंध बर्ताव का हिस्सा नहीं होती।
ये चीज़ें छोटी मोटी पसंद जैसे किसी खास रंग या डिज़ाइन के अंदरुनी वस्त्र हो सकते हैं, या फिर कोई असामान्य जूनून जैसे की हिंसात्मक सम्बंध । ये ख्वाहिश इसे रखने वाले को शारीरिक या मानसिक आघात भी पहुँचा सकती है।
सम्बंध ख्वाहिशों के प्रकार
सम्बंध खव्हिशों को दो भागों में बांटा जा सकता है- चेतन और अचेतन। अचेतन सम्बंध ख्वाहिशों वस्तुओं के सन्दर्भ में होती हैं जैसे कि किसी खास प्रकार या रंग के अंदरुनी वस्त्र, फर या कोई खास स्वाद या प्रकार का कंडोम।
चेतन या सजीव ख्वाहिशों का सम्बन्ध सामान्यतः शरीर के किसी ख़ास अंग के लिए मन जाता है जैसे कि नितम्ब, गुप्तांगों पर बाल, टांगें, त्वचा का रंग या शरीर का आकार।
संभव है कि कुछ लोगों को इन अंगों की तस्वीर मात्र से ही सम्बंध उत्तेजना जाग्रत हो जाये। या फिर किसी विशिष्ट सम्बंध बर्ताव जैसे की सम्बंध समर्पण, बंधुआ सम्बंध या हिंसात्मक सम्बंध भी सजीव या चेतन सम्बंध इच्छाओं के अंतर्गत आते हैं।
असामान्य सम्बंध इच्छाएं
सम्बंध सम्मोहन और ख्वाहिशें अक्सर अपारंपरिक और अधिकतर मामलों में हानि रहित भी होती हैं। लेकिन कुछ मामलों में ये हानिकारक और अस्वस्थ भी हो सकती हैं, और खतरनाक भी। कई सम्बंध सम्मोहन जैसे की मल मूत्र सेवन, थूकना, उलटी करना इत्यादि अस्वस्थ और असुरक्षित हो सकते हैं।
कुछ और ऐसी प्रवर्तियों के उदाहरण हैं 'आत्मप्रदर्शन' यानि किसी अनजान व्यक्ति के सामने अपने गुप्तांगों को प्रदर्शित करना या फिर 'दर्शनरति' यानि किसी को गुपचुप नग्न या सम्बंध करते हुए देखना।या फिर किस व्यक्ति के शरीर पर उसकी इच्छा के बिना गुप्तांगों को रगड़ना।
सम्बंध सम्मोहन या ख्वाहिशों की वजह?
इस तरह के सम्बंध सम्मोहन की वजह से जुडी कई सिद्धांत हैं लेकिन इन्हें सही तरह से सिद्ध कर पाने वाले तथ्य कम हैं। सम्बंध सम्मोहित कुछ व्यक्ति मानते हैं कि उनके अंदर ये इच्छाएं हमेशा से ही हैं जबकि कुछ का कहना है कि किसी विशेष घटना से स्वरुप से उनके भीतर ऐसी इच्छाओं ने जन्म लिया।
आधुनिक मनोविज्ञान के अनुसार इस तरह की प्रवर्ति के पीछे किसी घटना की छाप या कोई कटु अनुभव हो सकता है लेकिन आनुवंशिक कारणों की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
जो बात हम जानते हैं वो यह है की इस तरह की प्रवर्ति की नीव बचपन में होती है और किशोरावस्था तक और मजबूत हो जाती है, और अगर सही समय पर इसका उपचार न हो तो आजीवन इसका अंत शायद ही संभव हो। एक और तथ्य ये है कि इस तरह का सम्बंध सम्मोहन पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक देखा जाता है।
इन लड़कियो का विडियो देख हर कोई दंग रह जायेगा
विडियो एकांत मे देखै।
उपचार
जिन सम्बंध ख्वाहिशों से सम्मोहित व्यक्ति और उनके साथी पर कोई दुष्प्रभाव न हो, उनके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती। लेकिन यदि इस प्रवर्ति का किसी भी व्यक्ति पर मानसिक या शारीरिक दुष्प्रभाव पड़े तो देखभाल की ज़रूरत है।
इसके उपचार के लिए मनोवैज्ञानिक आंकलन, संज्ञानात्मक व्यव्हार चिकित्सा और ड्रग्स उपचार जैसे तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है। अगर आप या आपके साथी में कुछ ऐसे लक्षण हैं तो इलाज के लिए खुद कोई उपाय न करें बल्कि किसी डॉक्टर से मिलें।
[@ ]
[@ ]
loading...
0 comments: