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जानवरों की सम्बंध लाइफ से जुड़े अमेजिंग फैक्ट्स...



जानवरों और इंसानो की सम्बंध लाइफ में काफी कुछ समानता है। जिस तरह इंसानों में समलैंगिकता, ग्रूप सम्बंध, हस्तमैथुन, सम्बंध चेंज, आम बात है उसी तरह पशु-पक्षियों में भी ये सभी चीज़ें आम है और मनुष्यों से बढ़कर है। आज इस लेख में हम जानवरों की सम्बंध लाइफ से जुड़े कुछ ऐसे ही इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में जानेंगे।


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1. समलैंगिकता (Homosexuality)
मनुष्यों की तरह जानवरों में भी समलैंगिकता पाई जाती है। करीब 450 पशु-पक्षियों की प्रजातियों में समलैंगिकता पाई गई है। विकीपीडिया में इन पशु-पक्षियों की प्रजातियों की सूची भी दी गई है। इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 के अंत में ओस्लो विश्वविद्यालय में एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसमें ऐसे पशु-पक्षियों को प्रदर्शि‍‍त‍ किया गया था। समुद्री पक्षियों में यह प्रवृत्ति इस हद तक होती है कि ये मादा पक्षी न केवल साथ साथ रहते हैं वरन एक ही घोसलों में रहते हैं और एक साथ ही चूजों को जन्म भी देते हैं।

ऐप तो बिना उम्र या लिंग देखे यौन संबंध बनाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सेक्स संबंधों का उन पर काफी अच्छा प्रभाव होता है और वे शांत रहते हैं। नर शुतुरमुर्गों में भी समलैंगिकता पाई जाती है और वे एक दूसरे को आकर्षित करने के लिए एक विशेष प्रकार का नाच भी करते हैं। वर्ष 1994 में प्राणी वैज्ञानिकों ने गहरे समुद्र में दो नर ऑक्टोपस को यौन संसर्ग करते देखा था। शोध करने वालों ने पाया कि समुद्र में पाए गए दोनों ऑक्टोपस नर थे लेकिन वे अलग-अलग प्रजाति के थे।

बहुत कम पशु-पक्षी केवल एक साथी के साथ संबध रखने वालों की श्रेणी में आते हैं। लेकिन ऐसा वो मजबूरी में ही करते हैं।




2. सामूहिक सम्भोग (Group Sex)
यदि बात सामूहिक सम्भोग की हो तो जानवर, इंसानो से कई कदम आगे है। संसार की सबसे बड़ी सम्बंध ओरजी का खिताब रेड साइडेड गार्टर स्नेक को जाता है। कनाडा के मनिटोबा प्रान्त मे हर साल 30000 गार्टर स्नेक, शीत निद्रा के बाद, मैटिंग (सम्भोग) के लिए इकठ्ठा होते है। इस समय एक एक मादा के साथ सैकड़ों सांप एक साथ सम्भोग करते है। 

टोड्‍स जिस तरह से यौन संसर्ग करते हैं उसे एम्प्लेक्सस कहा जाता है। इस स्थिति में नर मेंढक मादा के शरीर पर पीछे से चढ़ जाता है और उसके अंडों का बाहर से ही गर्भाधान करता है। अगर प्रतियोगिता ज्यादा बढ़ जाती है तो कई मेंढक एक ही मादा के शरीर पर चढ़ जाते हैं और इसका परिणाम यह भी होता है कि मादा कभी-कभी पानी में डूब जाती है। पर अगर मादा मेंढक बची रहती है तो वह एक साथ कई मेंढकों के बच्चे पैदा करती है।

सामाजिक विस्तार के लिए अगर एक साथ कई नर-मादाओं का मेल जरूरी होता है तो बोनबो प्रजाति के बंदरों में यह आम तौर पर पाई जाती है। चूँकि यह समाज मादा प्रधान होता है इसलिए मादाएँ बिना किसी हिंसा के अधिक से अधिक नरों के साथ संबंध बना सकती हैं।

3. हस्तमैथुन (Masturbation)
आदमियों के बारे में कहा जाता है कि 99 फीसदी लोग हस्तमैथुन करते हैं और बाकी बचे एक फीसदी लोग इस बारे में झूठ बोलते हैं। लेकिन बंदर इस मामले में काफी कुख्यात होते हैं। बहुत सारे जानवर अपने जननांग को चाटने का काम करते हैं। हालाँकि यह हमेशा ही सम्बंध संबंधी कारणों से नहीं होता है, लेकिन कंगारुओं को ऐसा करते आसानी से देखा जा सकता है। इसी तरह की प्रवृति घोड़ों में भी देखी जाती है और इनके पालक इस पर रोक लगाने की कोशिश करते हैं जो कि घोड़ों के वीर्य पर बुरा असर डालती है।

4. सम्बंध चेंज (Sex Change)


अपने सम्बंध में परिवर्तन लाना मनुष्यों के लिए पशु-पक्षियों की तुलना में दुष्कर काम है। लोगों को तरह-तरह के इंजेक्शनों और सर्जरी की मदद लेनी पड़ती है, लेकिन कीड़े-मकोड़ों, जमीन पर घूमने और वनस्पतियाँ खाने वाले घोंघों और कुछ मछलियों के लिए अपना लिंग बदल लेना सरल काम है।

इन प्राणियों की कुछ प्रजातियों तो ऐसी भी होती हैं जो कि जीवन के शुरुआत में एक लिंग की होती हैं, लेकिन बाद के समय में अपना लिंग बदल लेती हैं। एक समुद्री कीड़ा, जिसे ऑफ्रीयोट्रोका प्यूराइलिस प्यूराइलिस कहा जाता है, जीवन की शुरुआत में नर होता है, लेकिन बाद में मादा में बदल जाता है। जो नर शरीर से बड़े हो जाते हैं, वे मादा में बदल जाते हैं।

इतना ही नहीं, जब दो मादा गोबी मछलियाँ संसर्ग करती हैं, तो उनमें से एक नर बन जाती है। बाद में यह मछलियाँ बड़ी आसानी से मादा भी बन जाती हैं। कई प्राणी तो ऐसे भी होते हैं जिनमें नर और मादा दोनों के अंग होते हैं। घोंघे और केंचुए इसी तरह के प्राणी होते हैं।

इन प्राणियों के अलावा समुद्री घोघें तो बाकायदा स्पर्म ट्रेडिंग तक करते हैं ताकि दोनों को बराबरी का हिस्सा मिल सके। पर इन प्राणियों में भी आपसी संसर्ग ही अधिक होता है और आत्म गर्भाधान कम होता है, लेकिन उत्तरी अमेरिका में बनाना घोंघे पाए जाते हैं जो 25 सेंटीमीटर तक लंबे होते हैं और यह स्वत: ही गर्भाधान करते हैं।

लिंग बदलने की क्षमता रेंगने वाले प्राणियों में अधिक होती है क्योंकि इन्हें संभावित साथी बड़ी मुश्किल से ही मिलता है। परंतु मैनग्रोव मछलियों की एक प्रजाति ऐसी भी होती है जो कि स्वत: गर्भधारण कर सकती है।


5. यौन संबंधों के लिए होती है लड़ाई (Fight for sexual relation) 
यौन संबंध बनाने के लिए नर पशु अपने प्रतिद्वंद्वियों से लड़ने को भी तैयार रहते हैं। इसके लिए वे हर हथियार का इस्तेमाल करते हैं जिसमें सींग भी शामिल होते हैं। इस लड़ाई में नर पशु की जान भी कई बार चली जाती है।
संभोग के बाद कुछ जानवर ये सुनिश्चित करते हैं कि उस मादा के साथ संबंध बनाने वाले वे अकेले नर हों। जैसे हेजहॉग स्पर्म मादा के वजाइना के इर्द-गिर्द एक कुदरती घेरा बना लेता है। इस वजह से अन्य नर पशु उस मादा तक नहीं पहुंच सकते हैं।

6. जबरदस्ती सम्बंध (Rape) 
सम्बंध में जबरदस्ती इंसान ही नहीं कर सकते। ब्लैकटिप रीफ़ नर शार्क सम्बंध के लिए मादा को मनाने की कोशिश ही नहीं करते। वो तो उस पर हमला कर एक तरह से जबरन सेक्स कर लेते हैं। स्टैनफोर्ड के जीव विज्ञानी डगलस जे मैक्कौले बताते हैं कि सम्बंध के लिए ये शार्क अपने ख़तरनाक दांतों को ही हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। कई मेल शार्क मादा का पीछा करते हैं। दल का मुखिया उसकी पूंछ पर काट लेता है। काटे जाने से मादा शार्क की रफ़्तार कम हो जाती है तो वही नर शार्क उसके पर को सीने के पास से पकड़ कर उसे रेतीली सतह पर खींच ले जाता है, जहां वह उसके साथ संभोग करता है।

7. तोहफों का आदान प्रदान (Gift Exchange)
पशुओं के संसार में तोहफों का आदान प्रदान आम बात है, खासकर खाने पीने की चीज़ें। कुछ अध्ययन ये भी बताते हैं कि पशु पक्षी ऐसे साथी चाहते हैं जो सपन्न हों। अगर वाकई ऐसा है तो इंसानों के ये फितरत जानवरों से मिलती जुलती हैं।

8 जिराफ़ मूत्र चखकर करते है साथी का फैसला (Giraffe)
जो ये सोचते हैं कि यूरोलैंगिया या गोल्डन शावर इंसानी दिमाग की उपज है वो ग़लत हैं। जिराफ़ों के सम्बंध का मूत्र से सीधा संबंध है। सिर्फ़ साथी को मूत्र करते देखने, सूंघने, छूने से ज़्यादा. नर जिराफ़ मादा जिराफ़ के मूत्र को चख कर ये तय करता है कि वो उससे साथ संभोग करने लायक है या नहीं। दरअसल मिलन के लिए नर जिराफ़ मादाओं के कई झुंडों के पास जाता है। वो मादा जिराफ़ के पुट्ठों को छूता है तो मादा जिराफ़ मूत्र की धार छोड़ती है। नर जिराफ़ इसे चख कर देखता है और उसके आधार पर अपनी राय बनाता है। मादा जिराफ़ मूत्र की धार छोड़ती है। नर जिराफ़ इसे चख कर देखता है और उसके आधार पर अपनी राय बनाता है। कई बार नर जिराफ़ चुनने से पहले कई मादाओं को ‘चख’ कर देखता है। ऐसा नहीं कि हमेशा नर ही पहल करे। अगर कोई मादा जिराफ़ नर में रुचि रखती है तो वो नर के छूने का इंतज़ार नहीं करती। अपनी तरफ़ से पहल करते हुए नर के पास से गुज़रते ही वो मूत्र करना शुरू कर देती है।

9 दरियाई घोड़े (Hippopotamus)
जिराफ़ मूत्र से साथी का चुनाव करते हैं तो दरियाई घोड़ा सम्बंध के लिए माहौल बनाने में गोबर का इस्तेमाल करते हैं। नर दरियाई घोड़े अपनी सीमा रेखा खींचने के लिए गोबर का छिड़काव करते हैं तो दरियाई घोड़ी सम्बंध के लिए अपनी सहमति जताने के लिए। जब इलाके का कोई दरियाई घोड़ा मादा के पास जाता है तो वो घूमती है, अपना सिर नीचे और पिछवाड़ा ऊपर करती है और गोबर करते हुए पूंछ हिलाकर गोबर का छिड़काव करती है। इसे उसकी सहमति का ऐलान माना जाता है.

10. रेड फॉक्स (Red Fox)
यौन प्रक्रिया के दौरान रेड फॉक्स मादा की माँस पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं और पेनिस एक घंटे तक हिल नहीं सकता. इस तरह दोनों एक साथ रहते हैं।


इन लड़कियो का विडियो देख हर कोई दंग रह जायेगा
विडियो एकांत मे देखै। 






11. खरगोश (Rabbit) 
खरगोशों में यौन संबंध की प्रक्रिया एक मिनट से भी कम में खत्म हो जाती है।


12. नर की होती है जिम्मेदारी 
जानवरों में मादा को संभोग के लिए आकर्षित करने का काम नर का होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसलिए नर पशुओं या पक्षियों का शरीर काफी रंगदार होता है।



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