नई दिल्ली। इराक में एक 8 साल की बच्ची को 10 महीने में 8 बार बेचा गया। इस दौरान बच्ची का 100 से ज्यादा बार उसका रेप किया गया। लड़की बेहद डरी हुई और उसने अपने शरीर को जला लिया है। एक हिंदी वेबसाइट के अनुसार यह यजीदी लड़की इराक के रिफ्यूजी कैंप में दो हफ्तों से छिपी हुई थी।
जब उसे अपने टेंट के बाहर आईएस के लड़कों की आवाज सुनाई दी तो उसकी रूह कांप गई। उसे अपने साथ हुई वहशत और हैवानियत याद आ गई, जब आईएस के लड़ाकों ने उसके शरीर को नोच दिया था। वह फिर से वही सब नहीं सहन कर सकती थी। 17 साल की यास्मीन सोचने लगी कि खुद को कैसे बचाऊं और उसे एक ख्याल आया।
एक ऐसा ख्याल जो इंसान के लिए खुदकुशी से भी बुरा हो सकता है। उसने सोचा कि अपने आप को ऐसा बदशक्ल कर लूं कि मुझे कोई देखना ही ना चाहे। यह सोचकर यास्मीन ने अपने ऊपर केरोसीन डाला और आग लगा ली। यास्मीन के बाल और चेहरा जल गए। उनकी नाक, होंठ और कान पूरी तरह पिघल गए।
जर्मनी के डॉक्टर यान इल्हान किजिलहान को यास्मीन इसी हालत में पिछले साल उत्तरी इराक के एक रिफ्यूजी कैंप में मिली थी। शारीरिक रूप से तो वह पूरी तरह नकारा हो ही चुकी थी, मानसिक तौर पर भी वह इस कदर डरी हुई थी कि डॉक्टर को अपनी ओर आते देख चिल्लाने लगी थी कि कहीं उसके अपहरणकर्ता ही तो नहीं आ गए।
अब 18 साल की हो चुकी यास्मीन उन 1,100 महिलाओं में से हैं जो आईएस की कैद से छूट भागी थीं और अब जर्मनी में मानसिक इलाज करवा रही हैं। इनमें से ज्यादातर यजीदी धार्मिक समुदाय से हैं। अब उन नारकीय दिनों को याद करते हुए यास्मीन जब बात भी करती है तो उसकी मुट्ठियां भींच जाती हैं और वह कुर्सी को कसकर पकड़ लेती है। उसे याद आता जब डॉक्टर यान पहली बार उसके कैंप में आए थे और उसकी मां से कहा था कि जर्मनी में उसकी मदद हो सकती है।
वह बताती है, "मैंने कहा, बेशक मैं वहां जाना चाहती हूं और सुरक्षित रहना चाहती हूं। मैं फिर से वही पुरानी यास्मीन बनना चाहती हूं." यास्मीन अपना पूरा नाम जाहिर नहीं करना चाहती क्योंकि अब भी उसे डर लगता है।
0 comments: