ये तस्वीर सुलावेसी प्रांत के तोराजा की हैं, जहां ये लाशों को साफ-सुथरा करने की परंपरा निभाई जा रही है। परंपरा के तहत लोग अपने परिजनों की मौत के बाद भी उनसे जिंदा इंसान की तरह पेश आते हैं। इसके बाद उन्हें नहलाकर साफ सुथरा करते हैं और नए कपड़े पहनाते हैं। इस दौरान गांव में इनका जुलूस भी निकाला जाता है। बच्चों तक के शव निकाले जाते हैं बाहर।
इसके बाद गांव के लोग अपने परिजनों के शव को तय रास्ते से पूरे गांव में टहलाते हैं। हर साल निभाई जाने वाली इस परंपरा को माईनेने कहा जाता है। इसे शवों की सफाई की प्रोग्राम कहा जाता है। तोराजा गांव के लोगों की पुरानी मान्यता के मुताबिक, मृत व्यक्ति की आत्मा उसके पैतृक गांव में जरूर लौटती है।
इसलिए अगर किसी शख्स की मौत सफर के दौरान हुई है, तो उसके परिजन उसकी मौत की जगह पर जाते हैं और मृतक को अपने साथ घर लाते हैं। पहले यहां के लोग इसी डर से दूर की यात्राएं नहीं करते थे, क्योंकि अगर किसी वजह से बाहर उनकी मौत हो गई, तो उनकी आत्मा के लिए अपने गांव लौटना मुश्किल हो जाएगा।
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