
इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल में अपनी अलग दुनिया बनाकर किन्नर अपना जीवन जी रहे है
किन्नर मतलब हिजेड़ न तो पूर्ण रूप से पुरूष होते है और न ही स्त्री, इसीलिए इनका अलग ही संप्रदाय होता हैl किन्नर समुदाय समाज से अलग ही रहता हैl इसी वजह से आम लोगों को उनकी जिंदगी की बातें जानने की ज्यादा जिज्ञासा होती है लेकिन आज हम इनके ही रहन-सहन और जिंदगी के बारे में बात करने जा रहे है, आज हम इंडोनेशिया में वरिया के नाम से जानी जाने वाली ट्रांसजेंडर कम्युनिटी बात कर रहे हैl
यह पहले सोसायटी से दूर इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल में अपनी अनोखी दुनिया बसा रहे थे लेकिन किसी कारण से यह स्कूल बंद कर दिया गया लेकिन कुछ किन्नर यहां तब भी रह रहे हैl ये देखा गया है कि यहां भी किन्नरों को रूढ़िवादी समाज स्वीकार नहीं करताl इनमें से अधिकतर किन्नर ऐसे है, जिनकी न तो कोई फैमिली है और न कोई अपनी खुदकी पहचान हैl और यहाँ के कानून के हिसाब से यहां पर रहने वाले कुछ ही किन्नर अपनी जैंडर चेंज करवा सकते हैl
इस्लाम इन किन्नरों को पूर्ण रूप से स्वीकार करता है
आम तौर पर हमारे समाज में किन्नरो को वो सम्मान नहीं दिया जाता जो किसी महिला या पुरुष को दिया जाता हैl उन्हें हम नाचते, ताली बजाकर दक्षिणा मांगकर अपना गुजर करते देख सकते हैl
आपको बता दें कि इंडोनेशिया के कुछ किन्नरों ने सिलिकॉन की मदद से ब्रैस्ट इम्प्लांट कराके सामान्य जीवन जीने की शुरुआत की हैl यहां आपको कुछ ऐसे किन्नर भी मिल जायेंगे, जिनके पुरूषों के साथ अच्छे संबंध हैl यहां बोर्डिंग स्कूल खोलने का मकसद था कि किन्नर मस्जिदों में नमाज पढ़ने में खुद को बहुत ही असहज महसूस करेंl साथ ही यह बात बताने के लिए भी इस स्कूल को खोला गया कि इस्लाम किन्नरों को स्वीकार करता है लेकिन अब इस स्कूल को बंद करवा दिया गया हैl तो ऐसे में एक बार फिर ये लोग बेघर होने की कगार पर आ वाही खड़े हो गए है जहाँ से सालों पहले थेl
ये देखा गया है कि हमारे समाज में किन्नरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता क्योंकि वे न तो पूरी तरह पुरुष होते और न महिलाl कुछ पुरुषों के लिए ये सिर्फ औरत का रिप्लेसमेंट होते हैं, जब इन पुरुषों को औरत वेश्या नहीं मिलती, तो ये लोग किन्नरों के साथ अपनी हैवानियत दिखाते हैंl
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: