सूर्याेदय के समान ही सूर्यास्त का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के समय हमें कुछ बातों काविशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। शाम के समय किसी भी परिस्थिति में किसी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए। घर के अंदर या बाहर हमेशा स्त्रियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, वे कभी सुखी नहीं रह पाते हैं।
हमें दूसरों की बुराई करने से हमेशा दूर रहना चाहिए। शाम के समय तो भूलकर भी किसी की बुराई या चुगली नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से समाज में प्रतिष्ठा की हानि होती है। शाम को पूजा-अर्चना तो सभी करते हैं , लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें शाम के समय नहीं करना चाहिए। तुलसी में जल अर्पित करने के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ है। शाम के समय तुलसी में जल न चढ़ाएं। न ही इसके पत्ते शाम को तोड़ने चाहिए।
शाम को घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में दरिद्रता आती है। शाम को सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जो लोग शाम को नियमित रूप से सोते हैं, वे बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। जिन घरों में लोग शाम के समय सोते हैं वहां आलस्य बढ़ता है और लक्ष्मी जी निवास नहीं करती हैं।
पति-पत्नी को शाम के समय शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। शाम को घर का वातावरण धार्मिक एवं पवित्र बनाए रखना चाहिए। घर में सुगंधित एवं पवित्र धुआं करें। शयनकक्ष में भूलकर भी मदिरा पान न करें। ऐसा करने वालों को गंभीर रोग घेर लेते हैं और डरावने सपने आते हैं।
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