
प्रकृति तरह तरह से इंसान को आश्चर्यचकित करती रही है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला विषय है, लाल बारिश या खूनी बारिश। पिछले दो दशकों में कई बार ऐसा देश के दक्षिणी तटीय इलाकों में देखा गया है। वैसे तो लोगो को आश्चर्य होता ही है, लेकिन जब बारिश ही लाल होने लगे तो डर लगना लाजमी हो जाता है, लेकिन अब वैज्ञानिको ने इसका खुलासा कर दिया है।
लाल बारिश में, पानी खून जैसा लाल हो जाता है। अक्सर इसे देखकर लोगों में किसी दैवी आपदा की आशंका जग जाती है। लेकिन वैज्ञानिक बताते हैं कि, इसमें डरने जैसी कोई बात नहीं है। यह एक प्राकृतिक घटना मात्र है। दरअसल लाल बारिश के पीछे एक कवक है। अल्गा नाम का यह कवक पेड़ों की भीगी शाखाओं और चट्टानों पर उगता है। आंखों से न देखे जा सकने वाले उसके बारीक बीजाणु हवा में उड़ते रहते हैं। बारिश के दौरान वे लाल रंग छोड़ते हैं।
इससे पूरा माहौल लाल हो जाता है। इसके संबंध में वर्ष 2013 में फिजियो जिनेटिक्स एवं इवोल्युशनरी बायोलॉजी में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। जिसमें कहा गया था कि यह यूरोपियन कवक सेंट्रल यूरोप और आस्ट्रिया में बड़ी संख्या में पाया जाता है। इसे केरल और श्री लंका के वर्षा वनों में भी बड़े पैमाने पर देखा गया है।
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