सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक साइन बोर्ड पर लगे इस्लामिक झंडे को उखाड़ा जा रहा है l दरअसल ये वीडियो इसलिए भी वायरल हो रहा है क्योंकि यह वीडियो उत्तर प्रदेश का है l उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी सरकार है और योगी मुख्यमंत्री हैं l आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में एक जिला है सुल्तानपुर, जहां के सांसद वरुण गाँधी हैं l सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर कूड़ेभार पड़ता है जहां रोड पर लगे एक साइन बोर्ड पर कुछ इस्लामिक झंडे लगे थे l इस वीडियो में आप देखेंगे कि एक युवक इस साइन बोर्ड पर चढ़कर इन झंडो को हटा रहा है l
इस दौरान कुछ लोग हिन्दू धर्म को लेकर नारे भी लगा रहे हैं l आपको बता दें कि ये वीडियो देश के एक बड़े न्यूज़ चैनल ने भी चलाया है और बिना पुष्टि करते हुए कहा है कि झंडे उखाड़ने वाले लोग हिन्दू युवा वाहिनी के हैं l अब सवाल ये है कि आखिर क्यों इस वीडियो को इस तरह से पेश किया जा रहा है कि ये लोग योगी द्वारा बनाई गई हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े हैं ? दरअसल एक बड़े चैनल ने हैडलाइन चलाई कि हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्य ऐसा कर रहे हैं और साथ में ये भी कह दिया हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, तो फिर बिना किसी पुष्टि के इस तरह के सवाल उठाये जा सकते हैं ? जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो जो सच सामने आया उससे आप इस चैनल की नीयत आसानी से समझ जायेंगे l
आपको बता दें कि इस बड़े न्यूज़ चैनल ने इस वीडियो को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड किया है और लिखा है कि “झंडा उतारने वाले हिंदू युवा वाहिनी के सदस्य हैं, लेकिन ‘हम’ इसकी पुष्टि नहीं करते l आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो की जब हमने जांच-पड़ताल की तो जैसा न्यूज़ चैनल ने बताया, मामला उससे बिल्कुल अलग सामने आया l
देखिए वीडियो
दरअसल वीडियो में चैनल ने बताया कि झंडा उखाड़ने वाले लोग हिन्दू युवा वाहिनी के हैं, लेकिन हमारे सीनियर एडिटर अर्पित मिश्रा ने जब कूड़ेभार थाना प्रभारी नंदन कुमार तिवारी से फोन पर बात करके इस वीडियो की सच्चाई पता की तो पता चला कि नवरात्रि के चलते लोग डीजे बजाते हुए माँ दुर्गा की एक शोभा यात्रा निकाल रहे थे, और इसी दौरान लोगों ने साइन बोर्ड पर लाल रंग का झंडा लगा दिया l वो किस पार्टी या संगठन के थे ? इस सवाल पर थाना प्रभारी ने कहा कि “ऐसा कुछ नही है, उन लोगों का किसी भी पार्टी से सम्बन्ध नही है, और न ही किसी भी संगठन से जुड़े हुए हैं l नवरात्रि का कार्यक्रम था और उसमें स्थानीय लोग ही थे l” आपको बता दें कि इससे पहले भी साइन बोर्ड पर मुस्लिम समुदाय द्वारा उनके धार्मिक त्योहारों पर भी झंडे लगाये जाते रहे हैं l
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