@ संतान का सुख इंसान के लिए सबसे बड़ा सुख माना गया है। जिसके पुत्र का जन्म नहीं होता है वह अभाग्यशाली कहा जाता है। संतान को जन्म देने के लिए पति-पत्नी दोनों का ही पूर्ण रूप से सक्षम होना जरूरी है।
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पुत्र प्राप्ति के लिए जरुरी -
उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या, उनकी गति और आकार एक तय मानक के अनुसार होना बहुत जरूरी होता है।ऐसा न होने पर वे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) में असफल होते हैं। कई बार कुछ बाहरी कारणों से शुक्राणुओं का निर्माण बाधित हो जाता है और पुरुष प्रजनन में अक्षम हो जाते हैं।
पिता बनने के लिए रखें इन बातों का ख्याल -
@ यदि आप हमेशा लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने कि आदत हैं तो इस आदत को छोड़ दे। लैपटॉप की गर्मी से अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है और शुक्राणुओं के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है।
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@ यदि 30 मिनट या उससे अधिक समय तक गर्म पानी के टब में नहाया जाए तो शुक्राणुओं के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है।
@ यदि आप तेज बुखार के शिकार होते हैं, तो उसका भी वही प्रभाव पड़ता है, जो हॉट टब में नहाने से होता है।
@ धूम्रपान, तंबाकू और शराब के कारण भी शुक्राणओं की संख्या, उनका आकार और गति प्रभावित होती है।
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