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नई दिल्ली - संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इराकी शहर मोसुल को आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. से मुक्त कराने के लिए इराकी सेना के आखिरी चरण के हमले में आम लोगों को काफी खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इस हमले में इराक़ी सेना के हज़ारों सैनिक, कुर्द पेशमर्ग लड़ाके, सुन्नी अरब आदिवासी और शियाओं की नागरिक सेना के लड़ाके शामिल हैं। अमरीकी अगुवाई वाले गठबंधन के लड़ाकू विमान और सैन्य सलाहकार इनकी मदद कर रहे हैं बतौर सेना, मोसुल में आतंकियों की संख्या अब हज़ार से कम रह गई है जबकि पिछले साल अक्टूबर में इनकी संख्या 3500-6000 के बीच थी।
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