नई दिल्ली - शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा जब देश के गृह मंत्री ने किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में सेना के जवान को गले लगाया हो। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ लड़ते हुए 85 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हुए जवान को गले लगाया।
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# सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्रम में राजनाथ ने गोधराज मीणा को वीरता मेडल से सम्मानित किया। वह 2014 में आतंकवादी हमले के दौरान कई गोलियां लगने से बुरी तरह घायल हो गए थे। मेडल मिलने के बाद मीणा द्वारा सलामी देने के कोशिश से प्रभावित राजनाथ सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़ उन्हें गले से लगा लिया। प्रोटोकॉल के तहत मेडल मिलने के बाद सैनिक को सम्मानित करने वाले व्यक्ति से हाथ मिलाकर सलामी देनी होती है।
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# मीणा की बहादुरी का किस्सा बताते हुए राजनाथ ने कहा कि 5 अगस्त 2014 को उधमपुर स्थित नरसू नाला के पास बीएसएफ के जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला कर दिया गया।
# बस की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे 44 वर्षीय मीणा ने साहस और सूझबूझ दिखाते हुए गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों को बस में घुसने से रोक दिया और बस में सवार 30 जवानों की जान बचा ली। हालांकि, इस दौरान उनके जबड़े सहित शरीर के अन्य हिस्सों में लगी गोली के कारण मीणा न सिर्फ 85 प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के शिकार हो गए, बल्कि अब वह बोल सकने में भी समर्थ नहीं हैं।
# बस की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे 44 वर्षीय मीणा ने साहस और सूझबूझ दिखाते हुए गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों को बस में घुसने से रोक दिया और बस में सवार 30 जवानों की जान बचा ली। हालांकि, इस दौरान उनके जबड़े सहित शरीर के अन्य हिस्सों में लगी गोली के कारण मीणा न सिर्फ 85 प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के शिकार हो गए, बल्कि अब वह बोल सकने में भी समर्थ नहीं हैं।
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