
मोदी जी के करेंसी बैन के बाद जिनके पास काले नोटों के भण्डार थे, उनकी ज़िन्दगी हराम हो गई है। और ऐसा लगता है कि अरविन्द केजरीवाल के तो बहुत सारे भंडारों में आग लग गई है, क्यूंकि वह इस फैसले की आजतक आलोचना कर रहें हैं।
लेकिन हर चोर अपनी चोरी छुपाने कि एक आखरी कोशिश ज़रूर करता है। अब कहा जा रह है कि केजरीवाल की AAP पार्टी डीटीसी के ज़रिए अपने पुराने 500 और 1000 के नोटों को बदलवा रही है। और यह हम नहीं जब कि दिल्ली के नागरिक और सोशल मीडिया वाले कह रहें हैं।
कहा जा रहा है कि DTC कलेक्शन के नाम पर बड़े नोटों को जमा कर रही है। और यह गड़बड़ घोटाला शक की नज़र में इसलिए आ रहा है क्यूंकि 8 नवम्बर के बाद से ही दिल्ली सरकार ने यह आदेश जरी करें हैं कि डीटीसी में 500 और 1000 के नोट मान्य नहीं होंगे। अगर सरकार की नीयत में खोट नहीं होती तो वह नागरिकों को यह छूट देती कि वह सही तरीके से पुराने नोटों को बदल सकें।

सोचने की बात यह है कि DTC का सारा पैसा कलेक्शन के बाद बैंकों में जमा होता है। लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि कलेक्शन में इकट्टा किए गए पैसे छोटे नोट नहीं बल्कि 500 और 1000 के पुराने नोट हैं। अब सीधा शक अरविन्द केजरीवाल के शैतानी दिमाग पर जाता है। ऐसा कई सूत्रों ने कहा है कि करेंसी बैन से AAP को बहुत भारी नुक्सान हुआ है। खालिस्तान समर्थकों के हवाले से पंजाब चुनाव के लिए आए करोड़ों रुपए रद्दी हो गए हैं। इस लिए लाज़मी सी बात है कि वह अब ब्लैक को वाइट करने के नए नए तरीके निकालेंगे !
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