
करीना कपूर खान द्वारा अपने बेटे का नाम *'तैमुर'* रखे जाने के बाद बहुत से लोग जो "तैमूर" को नहीं जानते थे वो जान गए
"तैमूर" एक इस्लामिक आतंकी था जो 1398 में भारत पर हमला करने आया था
अब हम आपको उस शूरवीर के बारे में बताएँगे जिन्होंने इस इस्लामिक आतंकी "तैमूर" के आतंक को समाप्त किया
हरियाणा के शूरवीर योद्धा श्रद्धेय *हरवीर सिंह गुलिया* तो देशवासियो के दिलो में जीवित हुए, जिन्होंने तैमूर लंगड़े की छाती में भाला ठोक कर उसके आतंक को समाप्त किया था।
आज देर से सही पर शीश झुकाकर कोटि कोटि नमन है उस परम योद्धा को जिसने भारतीय आन बान और शान का मस्तक ऊँचा किया।
उपप्रधान सेनापति हरबीर सिंह जी का गोत्र गुलिया था, जो उनके नाम के साथ जुड़ा हैं। यह हरयाणा के जिला रोहतक गांव बादली के रहने वाले थे। उनकी आयु 22 वर्ष की थी और उनका वजन 56 धड़ी (7 मन) था। यह निडर एवं शक्तिशाली वीर योद्धा था।......
उप-प्रधानसेनापति हरबीर सिंह गुलिया ने अपने पंचायती सेना के 25,000 वीर योद्धा सैनिकों के साथ तैमूर के घुड़सवारों के बड़े दल पर भयंकर धावा बोल दिया जहां पर तीरों तथा भालों से घमासान युद्ध हुआ।
इसी घुड़सवार सेना में तैमूर भी था, ये युद्ध तब हुआ जब तैमूर 1399 में दिल्ली को लूटने के बाद वापस अपने देश जा रहा था
हरबीरसिंह गुलिया ने आगे बढ़कर शेर की तरह दहाड़ कर तैमूर की छाती में भाला मारा जिससे वह घोड़े से नीचे गिरने ही वाला था कि उसके एक सरदार खिज़र ने उसे सम्भालकर घोड़े से अलग कर लिया।``` (तैमूर इसी भाले के घाव से ही अपने देश समरकन्द में पहुंचकर मर गया)। वीर योद्धा हरबीरसिंह गुलिया पर शत्रु के 60 भाले तथा तलवारें एकदम टूट पड़ीं जिनकी मार से यह योद्धा अचेत होकर भूमि पर गिर पड़ा।```
इतिहासकार हरबीर सिंह जैसे अनेकों शूरवीरों को इतिहास से गायब कर चुके है चूँकि सनातनी योद्धाओं की बात वो इतिहास में बताएँगे तो इन वामपंथी और सेक्युलर इतिहासकारो का सेकुलरिज्म खतरे में पड़ जायेगा
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