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न खाता न बही , जो अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेसी युवराज पप्पू कहे वही सही ?


“न खाता न बही जो केजरीवाल और पप्पू कहे वही सही “
अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी आये दिन मोदी सरकार पर बड़े बड़े लोगो से मिलीभगत और उनको फायदा पहुचाने के आरोप लगाते रहते है . तो इसी सिलसिले में हम आज आपको कुछ बताना चाहते है . हम आपको ढाई साल पीछे यानि मोदी सरकार के आने से पहले की कुछ बाते बताने जा रहे है जिसमे बड़े बड़े बिजनेसमैन के बारे में है ध्यान से पढिये .
2014 के चुनावो से पहले अम्बानी बंधुओ के पिताजी मूंगफली की रेडी लगाते हुए ही गुजर गये थे। अडानी भी रेलवे क्रासिंग पर केले का ठेला लगाया करता था और विजय माल्या तो किंगफ़िशर की खाली बोतले इक्कठा किया करता था ।
तभी अचानक देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री क्या चुना कि ये रेडी और ठेले लगाने वाले अम्बानी, अडानी और माल्या रातो रात हजारो करोड़ो की कंपनियों के मालिक बन गये .
पोंटि चड्ढा का 30 हजार करोड़ और हसन अली का 34 हजार करोड़ का साम्राज्य तो मोदी का नाम जपने से ही बन गया . डीएलएफ और यूनीटेक जैसी अनेको कंपनियों ने किसानो से कौड़ियो के भाव जमींन केवल मोदी जी के कहने से ही तो खरीदी . दरअसल उदारीकरण , वैश्वीकरण की बेलगाम नीतिया , WTO पर हस्ताक्षर , PSUs और निगमों का निजीकरण करना मनमोहन सरकार ने मोदी जी के कहने पर ही किया था .
वरना कांग्रेस ने तो पिछले दस सालो में देश के किसानो का इतना भला किया कि 1,71,105 किसानो ने तो आत्म हत्या ही कर ली तो आप खुद ही सोचिये यूपीए शासन में वे कितने खुश रहे होंगे । केजरीवाल कहते हैं है मेरे पास PM के ख़िलाफ़ बहुत सबूत हैं पर पर्चियाँ दिखा देते हैं फिर कोर्ट में झूठी बातें करने पर डाँट पड़ती है, फिर जिस बात के लिए कोर्ट ने पेल रखा हो वही टाइप की हुई पर्चियाँ राहुल दिखा देते हैं। ख़ुद केजरीवाल ऐक्सिस बैंक के साथ प्रेम सम्बंधों में फँसे हैं और उन पर घोटालों के इल्ज़ाम लग रहे हैं, राजेंद्र कुमार और स्वाति मालिवाल पर तो चार्जशीट तक दाख़िल हो चुकी है, राहुल गांधी और unki  इसलिए तो कह रहे है कि “न खाता न बही जो केजरीवाल और पप्पू कहे वही सही “
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