
इस छात्र का कहना है कि इसके भाषण की सामग्री बिना इसकी मंजूरी के किसी और को दे दिया गया है. छात्र ने अपना ये भाषण पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में देने के लिए तैयार किया था. हैदर ने राष्ट्रपति के सचिव, राष्ट्रपति सचिवालय के अतिरिक्त सचिव, शिक्षा निदेशालय कॉलेजेज के निदेशक, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विनियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए), पाकिस्तानी टेलीविजन के प्रबंध निदेशक और इस्लामाबाद कॉलेज फॉर गर्ल्स की प्रिंसिपल के जरिये आयशा इश्तियाक नाम की एक लड़की को प्रतिवादी बनाया है.

हैदर का कहना है कि इस साल 23 मार्च को राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उसने अपना ये भाषण दिया था, जिसके लिए राष्ट्रपति ने उसे एक सराहना पत्र भी दिया था. आगे हैदर ने बताया कि 14 दिसंबर को जिन्ना की 141वीं जयंती के कार्यक्रम में प्रतिवादियों ने उससे एक भाषण देने का आग्रह किया था, जिसकी रिकार्डिंग 22 दिसंबर को की जानी थी. 

इस कार्यक्रम के लिए हैदर 14 दिसम्बर से रोज रिहर्सल के लिए जा रहा है. इसके चक्कर में उसको अपनी दो परीक्षा तक छोडनी पड़ी. हैदर की स्पीच को राष्ट्रपति कार्यालय से स्वीकृति मिल गयी थी. 22 दिसम्बर को जब हैदर पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में अपनी स्पीच देने पहुंचा तो उसे बहुत बड़ा झटका लगा, जब उसे पताचला की उसकी स्पीच दूसरे स्कूल की एक लड़की पढ़ेगी.
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