
जिस जयललिता को मीडिया ने एक महान आत्मा बना रखा है, वो असल में इतनी भी शुद्ध आत्मा नहीं थी. वो मर गयी है इसका दुःख हमे भी है लेकिन उनका यह सच जानना भी आवश्यक है.
क्या आप जानते है जयललिता ने सोनिया के इशारों पर अस्सी वर्षीय निर्दोष शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी को गिरफ्तार कराया था. दरअसल हुआ यूँ कि लगातार छ: साल से राजीव दीक्षित भाई शंकराचार्य जी के मठ में जा रहे थे. और वो शंकराचार्य जी की सभी गतिविधियों में बहुत नजदीक से शामिल होते थे. शंकराचार्य जी के कांचीपुरम वाले मठ में सालाना 5000 करोड़ का डोनेशन आता है. तो राजीव दीक्षित शंकराचार्य जी से पूछा की वो इस बड़ी रकम का क्या करते है, तो शंकराचार्य जी ने कहा कि मैं इस पैसों का प्रयोग उन गावों में करता हूँ जहा पर गरीब हिन्दू इसाई बन गए है. दक्षिण भारत के गाँवों में ईसाई बने हिन्दुओं को वापिस हिन्दू बनाने के लिए शंकराचार्य जी इस रकम का इस्तमाल करते है.

जब राजीव भाई ने शंकराचार्य जी को कहा कि ये तो बहुत बड़ी रकम है, जो आप खर्च कर रहे है तो शंकराचार्य जी ने कहा कि राजीव भाई आपको मालूम है लोगों को इसाई बनाने के लिये हर साल 18,000 करोड़ खर्च हो रहा है, मैं तो उसका एक तिहाई भी खर्च नहीं कर रहा हूँ.
आपको बता दे कि शंकराचार्य जी गरीब आदिवासी के लिये निशुल्क स्कूल चलाते है. फिर वो उन गरीब आदिवासियों को हिन्दू बनाते है. इन सभी आदिवासियों के स्कूल का खर्चा शंकराचार्य जी का मठ ही उठाता है. और शंकराचार्य जी के ऐसे 170 स्कूल तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में चलते है. इतना ही नहीं उनके बहुत से हॉस्पिटल भी चलते है जहाँ पर गरीब आदिवासियों को निशुल्क चिकित्सा दी जाती है.
शंकराचार्य जी जयललिता के आध्यात्मिक गुरू भी रह चुके है फिर भी जयललिता ने सोनिया के नक्शेकदम पर चलकर इन पूजनीय शंकराचार्य जी को गिरफ्तार करवाया.
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