
आप जानते ही हैं जयललिता चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रही हैं। अस्पताल ने ज़ोर देकर कहा है कि वो सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री साहिब की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई।
उनके समर्थक जो हस्पताल के बाहर हज़ारों की संख्या में जमा हैं उम्मीद कर रहे हैं कि अपनी ज़िद के लिए विख्यात जयललिता ये लड़ाई जीत जाएँगी। साथ ही साथ इस मौके पर उनके लाखों चाहने वाले 1989 में तमिलनाडु विधान सभा में हुए एक घटना को याद कर रहे हैं ।
#
बता दें कि इस घटना में सदन में उनके साथ बदतमीज़ी की गई थी और उसके बाद उन्होंने सबके सामने कसम खाई थी कि वो CM बनेंगी और तभी विधान सभा में लोटेंगी। और कमाल देखिए अपनी क़सम के केवल दो साल बाद उन्होंने सीएम के रूप में ही सदन में वापसी की थी। उनके लाखों चाहने वाले उन्हें प्यार से “अम्मा” भी कहते हैं। उनकी ज़बरदस्त लोकप्रियता का अंदाजा केवल इस बात से भी लगाया जा सकता है किसी दुखद ख़बर के वक़्त किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए अपोलो अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। और तो और वहीं अर्ध सैनिक बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
#
बता दें कि जे जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर के एक तमिल ब्राह्मण हिंदू परिवार में हुआ था। लेकिन दुर्भाग्यवश जब वो दो ही साल की थीं तो उनके पिता का देहांत हो गया। उनके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी इसलिए उन्होंने 1961 में केवल 13 साल की उम्र में ही बाल कलाकर के तौर पर फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया।
1964 में कन्नड़ फिल्म चिन्नादा गोमबे (सोने की गुड़िया) से उन्होंने व्यस्क भूमिकाएं करनी शुरू की। ग़ौरतलब है कि उन्होंने फिल्मी जीवन की शुरुआत कन्नड़ फिल्मों से की थी पर उन्हें अपने फ़िल्मी जीवन की बड़ी सफलता तमिल फिल्मों में मिली थी। 1965 में जयललिता ने अपनी पहली तमिल फिल्म “वेन्निरा अदाई” की और इसी साल उन्होंने तमिल फिल्मों के उस समय के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) के साथ भी पहली बार काम किया था ।
#
0 comments: