
होम मिनिस्ट्री ने यह बताया की इस NGO ने बहुत पैसे की हेर फेर की है। साथ ही साथ, इस संगठन ने भारत से बाहर की फंडिंग का गलत इस्तेमाल किआ है। सबसे बड़ी बात यह की इस संगठन ने ऐसे काम किये हैं जो ‘पब्लिक इंटरेस्ट’ के खिलाफ हैं।
इंदिरा जैसिंघ पिछली कांग्रेस सरकार के राज्य में भारत की एडिशनल सोलोसीटर जनरल थी। साल 2006-07 से लेकर साल 2013-14 तक इन्होंने बाहरी फंड्स का बखूबी इस्तेमाल किआ। और इस तरह, इन्होंने FCRA के नियमो का उल्लंघन किआ।
जवाब में इस संगठन ने यह कहा की ‘सोचने वाली बात है की यह आर्डर रविवार के दिन आया है, जिस दिन सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं।
मालूम हो की इस साल जून में ही प्रधान मंत्री मोदी जी ने इस NGO का लाइसेंस ससपेंड किआ था।इन पर यह इलज़ाम था की इन्होंने धरने और रैलियों के फंड्स का इस्तेमाल राजनितिक कारणों के लिये किया। अधिकारियो ने यह भी बताया की इस संगठन को उस २५ NGO की लिस्ट में शामिल किआ गया था जिन पर इस तरह के अनैतिक और गैरकानूनी काम कर रहे थे।
और तो और, होम मिनिस्ट्री ने यह भी कहा की हमे हैरानी हो रही है की इस तरह की प्रख्यात अधिवक्ता भी ऐसे कामो में शामिल हो सकती हैं।
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