प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फ़ैसला भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए लिया था . मोदीजी इस फ़ैसले को लेने से पहले जानते थे कि आम आदमी को कितनी तकलीफ़ होने वाली है . उन्होंने पूरी तैयारी के साथ यह फ़ैसला लिया था लेकिन वो ये नहीं जानते थे कि बैंक मैनेजर इससे अपना फ़ायदा उठाने लगेंगे . हज़ारों बैंक मैनेजर चोर और बेईमान निकल जा जायेंगे . ये बैंक मैनेजर अपना घर भरने के लिए चोरों और बेईमानों के साथ मिलकर उनका काला धन सफ़ेद करने लगे है . इन बैंक मैनेजर के कारण मोदीजी का इतना बड़ा फ़ैसला कमज़ोर कर दिया .
अपना पेट भरने के लिए इन चोर और बेईमान बैंक मैनेजर ने भ्रष्टाचारियों से मिलकर उनके कालेधन को सफ़ेद कर दिया और बदले में करोड़ों रुपये की रिश्वत खा रहे हैं . जब ग़रीब जनता बैंक में पैसे लेने पहुँचती है तो इनके पास पैसे होते नहीं हैं . इल्ज़ाम सरकार पर लगा देते है कि सरकार ने पूरा कैश नहीं दिया . अगर ये बेईमान बैंक मैनेजर इमानदारी से काम करते तो आज पैसों के लिए इतनी मारामारी नहीं होती . इन बैंक मैनेजर की वजह से लोगों में दहशत बैठ गयी है . लोग घरों में पैसे जोड़ जोड़ कर रखे जा रहे है . हर किसी को डर है कि आने वाले समय में उनको पैसे नहीं मिलेंगे .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंक वालों की ख़ूब तारीफ की लेकिन ये बैंक वाले मोदी जी को धोखा दे रहे है . मोदी कहते हैं कि बैंक वाले रात दिन काम कर रहे हैं, हाँ बैंक वाले रात दिन काम तो कर रहे है लेकिन ग़रीब जनता के लिए नहीं धनकुबेरों का कालाधन सफ़ेद करने के लिए . उनसे मोटा कमिशन खाने के लिए . रोज़ ख़बर मिल रही है कि नए नोट पकड़े गए , लेकिन ये नए नोट आ कहा से रहे है . कल बेंगलुरु में पौने पांच करोड़ जब्त किये गए जिनमे अधिकतर नए नोट और कुछ सौ सौ के नोटों की गड्डियां भी थीं . एक ग़रीब पैसों से लिए तरस रहा है और दूसरी तरफ़ इतनी गड़बड़ की जा रही है .
80 प्रतिशत बैंक वालों ने गड़बड़ की है . इन्हें अपनी इस बेईमानी का फल भुगतना होगा .
सोशल मीडिया पर भी बैंक वालों के खिलाफ आक्रोश दिखने लगा है . कमीशनखोर बैंक वालों के खिलाफ सरकार तो जल्दी ही कोई निर्णय लेना चाहिए वरना ये अपने कालाबाजारियों के साथ मिलकर देश को खा जायेंगे .
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