
महर्षि वात्स्यायन
महर्षि वात्स्यायन की रचना कामसूत्र सदियों पहले लिखी गई ऐसी कृति है जिसे आज भी उतना ही तर्कसंगत माना जाता है। लेकिन इसका संबंध महिला-पुरुष के बीच संभोग की कलाओं से है इसलिए इसे कभी भी सार्वजनिक तौर पर वार्ता का विषय नहीं माना गया।

काम
जबकि यह भी अन्य ग्रंथों की तरह ‘काम’, जो कि मानव जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, से जुड़ा है लेकिन फिर भी इसे कभी सामाजिक स्वीकार्यता प्राप्त नहीं हो पाई। इसका स्पष्ट कारण है समाज में ‘सेक्स’ शब्द को हमेशा से ही निषेध मानकर रखना।

अच्छा बर्ताव
विवाह करने के लिए स्त्री में एक गुण होना बेहद आवश्यक है और वो है अपने से नीचे और ऊंचे, दोनों ही ओहदे के लोगों को सम्मान देना, इसके अलावा अच्छा बर्ताव होना भी जरूरी है। जो स्त्री दूसरों का सम्मान करना नहीं जानती वो पति और परिवार के लिए सही नहीं होती।
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