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सोनिया,केजरीवाल जैसे लोग ममाता को "मौत का सौदेगार" नहीं कहते, जबकि बंगाल है दंगा प्रदेश


गुजरात में 14 साल में 1 बार दंगा हुआ, 2002 में हुआ था और अब 2016 हो चुके है


14 साल में 1 दंगा, और 14 सालों में अधिकतर मोदी ही गुजरात के CM थे

सोनिया गांधी और कांग्रेस तथा अन्य सेक्युलर दल मोदी को "मौत का सौदेगार" बताते थे
यानि 1 दंगे से मोदी "मौत के सौदेगार" हो गए थे

वहीँ पश्चिम बंगाल में हर 14 दिन में 1 दंगा होता है
और हर बार होता है
पर यही सोनिया गांधी, केजरीवाल और अन्य सेक्युलर दल ममाता बनर्जी को "मौत की सौदेगार" नहीं बुलाते 

रोजाना दंगे होने के बाद भी ममाता बनर्जी इन सेक्युलर दलों के लिए "दीदी" बनी हुई है
जबकि ममाता बनर्जी जिस राज्य की मुख्यमंत्री है वहां जिहाद और दंगे अपने चरम पर है

साफ़ होता है कि ये सेक्युलर दल, मसलन कांग्रेस, केजरीवाल, मायावती, मुलायम, लालू इत्यादि
सब दोगले है और हिन्दू मरता है तो इन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीँ किसी अखलाक को खरोंच आ जाये
तो देश तुरंत खतरनाक बता दिया जाता है।


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