
स्त्री-पुरुष का एक दूसरे के प्रति आकर्षण सृष्टि का अटल सत्य है. सृष्टिï की रचना ही स्त्री पुरुष के मिलन पर निर्भर करती है. शास्त्रों के अनुसार यह कहना उचित होगा कि अगर महिला-पुरुष संगम सामाजिक,

धार्मिक और पारिवारिक मान्यताओं के अनुसार हो तो ये एक पवित्र घटनाक्रम है. धार्मिक मान्यताओं को समझने वाले लोग ये जानते हैं कि बिना वैवाहिक बंधन में बंधे स्त्री-पुरुष का संगम निकृष्ट कर्म होता है. हमारा ये समाज वैवाहिक बंधन में बंधने के बाद ही महिला-पुरुष संबंधों को मान्यता देता है.

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