राजस्थान की राजधानी जयपुर के रोजदा गांव में रविवार को शराब के ठेके बंद कराने के लिए मदान हुआ.
88 प्रतिशत लोगों ने शराब के खिलाफ वोटिंग की और इसी के साथ जिन ठेकों को सरकार और आबकारी विभाग बंद नहीं करा रहा था जनता ने कर दिखाया.
गांव के कुल 4206 मदताओं में से 2581 मतदाताओं ने सुबह से शाम तक हुई वोटिंग में शराब के ठेकों के पक्ष और विपक्ष में अपना वोट डाला. इनमें 141 वोट खारिज हो गए लेकिन फिर भी 88 प्रतिशत लोगों के मत शराब बंद किए जाने के पक्ष में पड़े. 2270 लोगों ने शराब की दुकान हटाने के पक्ष में और 170 लोगों ने शराब की दुकान के समर्थन में मतदान किया.
रोजदा से एक साल पहले काछबली हो चुका है शराब मुक्त गांव
राजस्थान की रोजदा पंचायत में शराब की दुकान को लेकर जनता के फैसले से पहले प्रदेश के राजसमंद जिले का काछबली गांव भी शराब मुक्त हो चुका है. काछबली प्रदेश का ऐसा पहला गांव है जहां शराब के ठेकों के खिलाफ मतदान हुआ था. वहां 2016 में मदान हुआ था जिसमें 94 फीसदी लोगों ने शराब के खिलाफ वोट डाले थे. इसके बाद से काछबली में शराब की दुकानें बंद हैं.
351 दिन के धरने के बाद मिली सफलता
रोजदा में शराब की दुकान आवंटित करने के विरोध में ग्रामीणों ने पिछले 351 दिन से धरना दिया हुआ था. आखिर प्रशासन ने यहां मतदान कराए जाने को राजी हुआ और शराब की दुकान खोलने की मंजूरी देने या नहीं देने पर रविवार को मतदान हुआ. दिन भर मतदान के बाद रात 8 बजे को परिणामों की घोषणा कर दी गई.
गांव में छाई खुशी, बांटी गई मिठाई
शराब के खिलाफ अपनी जीत की खुशी ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटते हुए जताई. परिणामों की घोषणा के बाद गांव में जश्न का माहौल था और इस मौके पर पूर्व विधायक दिवंगत गुरूशरण छाबड़ा की बहू और शराबबन्दी के आन्दोलनरत पूनम अंकुर छाबड़ा भी मौजूद रही.
0 comments: