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वाह रे सेक्युलर पत्रकारों : लड़कियों से छेड़छाड़ से इन्हें आपत्ति नहीं, गुंडों पर कारवाही से आपत्ति है



हमारे देश के सेक्युलर पत्रकार और उनमे भी वो जिनका सम्बन्ध कान्वेंट स्कूलों और JNU जैसे यूनिवर्सिटियों से है, जैसे की अभिसार शर्मा 
इन लोगों ने भारत और हिन्दू विरोध का ठेका लिया हुआ है, ऐसा कोई अच्छा काम नहीं जिसका ये विरोध न करते हो 

पत्थरबाजों पर कारवाही की बात हो तो विरोध, पाकिस्तानी कलाकारों के बैन की बात करते हो तो विरोध 
ये लोग हिन्दुओ और भारत से कितनी घृणा करते है, समझना मुश्किल है, बहुत मुश्किल 

यूपी में लड़कियों से छेड़छाड़ एक बड़ी समस्या है, और इतनी बड़ी की आपको बता दें की 2013 का मुज़फ्फरनगर दंगा भी एक लड़की से छेड़छाड़ के बाद ही हुआ था 
लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई थी, उसके 2 भाइयों सचिन और गौरव ने विरोध किया तो उनकी हत्या कर दी गयी, जिसके बाद दंगे हुए 

यूपी में खासकर हिन्दू लडकिया छेड़छाड़ की बड़ी शिकार है, और इसी कारण सेक्युलर तत्व छेड़छाड़ का भी समर्थन करते है, ताकि तुष्टिकरण हो सके, ये लोग लड़कियों से भी छेड़छाड़ होने देना चाहते है 

योगी सरकार आयी, और घोषणापत्र के अनुसार एंटी रोमियों दल बनाया, अब यूपी में जिहादियों ने पुरे गैंग बनाये हुए है छेड़छाड़ के, लव जिहाद का पूरा गिरोह ही चलाया जाता है, बाइक ले ली, सोनू मोनू नाम रखकर 
कॉलेज के बाहर, यही धंधा बना हुआ है यूपी में 

 योगी सरकार ने जब एंटी रोमियों दल बनाया और कारवाही शुरू की, तो जिहादियों के अलावा हमारे सेक्युलर तत्व भी भड़क उठे है, अभिसार शर्मा ने कहा की, बीजेपी युवकों पर अत्याचार कर रही है, एंटी रोमियों के नाम पर युवकों को पीटा जा रहा है 

लड़कियों से छेड़छाड़ पर अभिसार शर्मा जैसे लोगों ने कभी आपत्ति दर्ज नहीं कराइ 
लेकिन एंटी रोमियों दल से इनको सख्त ऐतराज़ है 

वैसे आपको बता दें की अभिसार शर्मा वही पत्रकार है, जिसने कांवड़ियों को भी गुंडा बताया था, और साथ ही साथ यूपी 2017 चुनावों के दौरान लग रहे "जय श्री राम" के नारों को भी इसने नफरत फैलाने वाला सांप्रदायिक बयान बताया था 
हिन्दू विरोध तो महाशय के डीएनए में है 
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