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मोहन भागवत ने मोदी से कहा, "वादा करो जो मानूंगा वो दोगे, मोदी ने कहा हां" और CM बन गए योगी


यूपी में ऐतिहासिक बड़ी जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को मुख्यमंत्री फाईनल करने में करीब एक हफ्ते भर का समय लग गया । इस बात को लेकर हर कोई हैरान है की आखिर ऐसा कौन सा पेंच था जिसके चलते बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा सामने नहीं रख पा रही थी और फिर अचानक ऐसा क्या हुआ की एक हफ्ते से दरकिनार किये जाने वाले बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यानाथ का नाम फाईनल हो गया और अगले ही दिन उनकी मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी भी हो गई ।

बता दें 11 मार्च के बाद से ही यूपी मुख्यमंत्री के नामो की चर्चा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर सब जगह शुरू हो गई थी. कोई केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को तो कोई मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य, तो कोई योगी आदित्यानाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री मान रहा था. इन्ही सभी बातों को चलते आम लोगों से लेकर मीडिया के बड़े -बड़े पत्रकार भी मोदी जी के नया सीएम चुनने के फार्मूले टीवी पर समझा रहे थे. 

तो वहीँ दूसरी और शनिवार सुबह तक मनोज सिन्हा का नाम यूपी मुख्यमंत्री पद के लिए पक्का माना जा रहा था. हालांकि इसके लिए मनोज सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया था की वो यूपी सीएम की रेस में नहीं हैं. मगर लोग कह रहे हैं की मनोज सिन्हा को अन्दर खाने आश्वस्त कर दिया गया था की वही यूपी की कमान संभालेंगे. वाकायदा इसके लिए वह बाबा विश्वनाथ, काल भैरव और संकटमोचन मंदिर में हाजिरी भी लगा आए, लेकिन ऐन वक्त पर बाजी पलट गई.

कहा जा रहा है कि शुक्रवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संघ पदाधिकारी डॉ. कृष्णा गोपाल के बीच यूपी के मुख्यमंत्री को लेकर मीटिंग हुई. जिसमें उन्होंने अमित शाह के सामने मनोज सिन्हा के बजाय योगी का नाम रखा. हालांकि अमित शाह ने मना कर दिया. रात का समय होने की वजह से अमित शाह ने सुबह प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके बातचीत करने की बात कही. लेकिन मामला यहीं नहीं रुका. संघ को जब लगा कि अमित शाह योगी को लेकर गंभीर नहीं हैं तो फोन सीधे पीएम मोदी के पास किया गया.

सूत्रों के मुताबिक, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार सुबह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया. उन्होंने पहले मोदी से वादा लिया कि वह जो मांगेंगे उन्हें देना पड़ेगा. मोदी ने हामी भरी तो भागवत ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही.मोदी जी ने भागवत जी की बात रखते हुए बाजी पलट दी. भागवत जी से बातचीत करने के बाद मोदी जी ने खुद अमित शाह को फोन किया और योगी जी को तत्काल चार्टर प्लेन से दिल्ली बुलाने के लिए कहा. 

योगी जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मीटिंग हुई. लंबी बातचीत के बाद योगी जब वहां से निकले तो मुख्यमंत्री पद के साथ लखनऊ के लिए रवाना हुए. तो यही वो बड़ा कारण रहा की मोदी जी संघ प्रमुख मोहन भागवत जी की बात को टाल नहीं सके और भागवत जी ने पूरी गेम ही बदल दी.
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