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PM ने तीसरे साल भी भिजवाया चादर, PM को सेकुलरिज्म में नहीं पड़ना चाहिए, ये आपत्तिजनक है



प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार तीसरे साल भी अजमेर स्तिथि मोईनुद्दीन चिस्ती की कब्र पर चादर भिजवाई है, इस बार चादर मुख़्तार अब्बास नकवी और जितेंद्र सिंह के हाथो भिजवाई है 
इस से पहले भी मोदी ने 2 बार चादर भिजवाई थी 

नोट : प्रधानमंत्री मोदी हिन्दुओ के वोट से प्रधानमंत्री बने है, उनको सेकुलरिज्म के चक्कर में मोईनुद्दीन चिस्ती की कब्र पर चादर नहीं भिजवाना चाहिए, ये हिन्दू समाज और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को कुचलने जैसा है, जो बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है 

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ANI  @ANI_news
PM Modi hands over 'chaadar' to be offered at Dargah Khwaja Moinuddin Chishti Ajmer Sharif to Union Ministers MA Naqvi & Jitendra Singh

मोईनुद्दीन चिस्ती कोई भारतीय नहीं था, न ही भारतीय संस्कृति से मोईनुद्दीन चिस्ती का कुछ भी लेना देना है 
मोईनुद्दीन चिस्ती एक विदेशी आक्रांता था, जो की लुटेरे गौरी का भी साथी था 
मोईनुद्दीन चिस्ती एक गौभक्षक तो था ही, जबरन 10 लाख से अधिक हिन्दुओ का धर्मान्तरणकर्ता भी है 

मोईनुद्दीन चिस्ती ने और भी कई अपराध किये, जिस से जागरूक लोग पूरी तरह वाकिफ है 
स्वयं नरेंद्र मोदी भी मोईनुद्दीन चिस्ती के बारे में सबकुछ जानते है, उसके बाबजूद वो लगातार सेकुलरिज्म में पड़कर चादर भिजवाते है, जिसपर हमे घोर आपत्ति है 

चूँकि मोदी के इस कदम से हर साल हिन्दू वोटर और कार्यकर्त्ता दुखी होता है 
और प्रधानमंत्री को इस इस स्तिथि को समझना चाहिए, कोई भी हिन्दू और खासकर हिन्दू कार्यकर्त्ता 

मोदी द्वारा चादर भेजे जाने से खुश नहीं है, और ये निंदनीय भी है 
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