मालूम हो, यूपी चुनाव नतीजों के बाद बसपा प्रमुख मायावती और पंजाब चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। दोनों का आरोप है कि मशीनों से छेड़छाड़ कर उनके वोट भाजपा ने ले लिए हैं।
इसी से जुड़ी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है।हालांकि इन दोनों ही नेताओं के आरोपों को चुनाव आयोग नकार चुका है। आयोग ने कड़े शब्दों में कहा है कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोप बेबुनियाद और बेतुके हैं। उन्हें चुनाव के दौरान किसी दल या प्रत्याशी या दल की तरफ से छेड़छाड़ की शिकायत या सबूत नहीं मिले हैं।
पूरा चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष है।सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई।
सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब मांगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के
खिलाफ एफआईआर दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है।
आयोग ने यह भी कहा था कि अगर कोई ठोस सबूत देता है तो उसकी जांच होगी। गौरतलब है इससे पहले भी छेड़छाड़ की शिकायतों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट खारिज किया है। यह मशीन सन् 2000 से चलन में है और 2004, 2009 के अलावा 2014 में 107 विधानसभा चुनावों में उपयोग की जा चुकी है।
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