नई दिल्लीः यूपी से लेकर एमपी तक, राजस्थान से लेकर गुजरात तक पूरा उत्तर भारत हीटर बन चुका है. तपती गर्मी में लोग उबल रहे हैं. लोगों को गर्मी की वजह से कई परेशानियां होने से लेकर लू से मौत जैसी खबरें तक आ रही हैं. ऐसे में क्या आप जानना नहीं चाहेंगे लू लगने से कैसे होती है मौत? किन चीजों का ध्यान रख आप गर्मियों में रह सकते हैं सेहतमंद.
हमारे शरीर का तापमान 37°C होता है. इस तापमान पर ही शरीर के अंग ठीक तरह से काम करते हैं. बाहर का तापमान जब 45° होता है तो शरीर का तापमान बिगड़ जाता है और 37° से ऊपर पहुंचने लगता है.
जब बढ़ता है शरीर का तापमान तो होती हैं ये दिक्कतें-
जब शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो खून गर्म होने लगता है. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. शरीर में पानी की कमी हो जाती है. शरीर में पानी की कमी से पसीना आना बंद हो जाता है. ब्लडप्रेशर लो हो जाता है. ब्लड की सप्लाई दिमाग तक सही से नहीं हो पाती.
जब शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो खून गर्म होने लगता है. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. शरीर में पानी की कमी हो जाती है. शरीर में पानी की कमी से पसीना आना बंद हो जाता है. ब्लडप्रेशर लो हो जाता है. ब्लड की सप्लाई दिमाग तक सही से नहीं हो पाती.
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क्या कहना है एक्सपर्ट का-
दिल्ली के सीनियर फीजिशियन डॉ. मानव चैटर्जी का कहना है कि अगर शरीर का तापमान 37° से कम भी होता है तो इतनी दिक्कतें नहीं आतीं तब भी शरीर के अंग सुचारू रूप से काम करते हैं. लेकिन 37° से ज्यादा होने पर परेशानी होती है.
दिल्ली के सीनियर फीजिशियन डॉ. मानव चैटर्जी का कहना है कि अगर शरीर का तापमान 37° से कम भी होता है तो इतनी दिक्कतें नहीं आतीं तब भी शरीर के अंग सुचारू रूप से काम करते हैं. लेकिन 37° से ज्यादा होने पर परेशानी होती है.
डॉ. चैटर्जी कहते हैं कि जब बॉडी में पानी की मात्रा कम हो और टेम्प्रेचर ज्यादा हो व्यक्ति बेहोश हो सकता है. उसके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसे मल्टीऑर्गन डिस्फंक्शन कहा जाता है. अगर सही समय पर उपचार उपलब्ध ना हो तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
डॉ. मानव कहते हैं कि शरीर का तापमान बढ़ने पर दिमाग पर बेहद बुरा असर पड़ता है जो व्यक्ति की मौत की वजह बन सकता है.
डॉ. मानव आगे कहते हैं कि गर्मी में पसीना आने से शरीर में नमक की मात्रा भी कम हो जाती है. नमक की मात्रा कम होने से भी बेहोशी ही हालत होती है. ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. नमक की मात्रा शरीर में पूरी ना रहने से मेटाबॉलिक डिस्टर्ब होता है. इन सबका असर दिमाग पर होता है. दरअसल, दिमाग पूरे शरीर का हेडक्वॉटर होता है अगर ब्रेन में दिक्कत होगी तो शरीर के अन्य अंगों में भी दिक्कत आएगी.
क्या करें लू से बचने के लिए-
- धूप में निकलने से बचें.
- घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर निकलें.
- धूप में खाली पेट बाहर ना निकलें. कुछ हल्का-फुल्का खाकर निकलें.
- ऑयली फूड, हैवी फूड, मैदे से बना फूड और जंकफूड ना लें.
- शरीर में पानी की कमी ना होने दें. पसीना बहुत ज्यादा आए तो पानी पीते रहें इससे शरीर का तापमान कंट्रोल रहेगा और पानी की कमी भी नहीं होगी
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