झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अब निर्णायक प्रहार शुरू होगा। राज्य के साथ केंद्र ने इसकी तैयारी कर ली है।
रांची। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अब निर्णायक प्रहार शुरू होगा। राज्य के साथ केंद्र ने इसकी तैयारी कर ली है। नक्सलियों के खिलाफ अगले दो माह तक ऑपरेशन क्लीन चलेगा। लातेहार के बूढ़ा पहाड़ को हर हाल में नक्सल मुक्त बनाया जाएगा। इसके साथ ही लातेहार, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी और रांची के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही बोकारो, गिरिडीह, गुमला, चाईबासा सहित अन्य जिलों में भी नक्सलियों के खिलाफ चल रहा अभियान गति पकड़ेगा। इस कड़ी में गुरुवार को अचानक रांची पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरीय सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार का मात्र तीन घंटे का दौरा अहम माना जा रहा है। इससे दो दिन पूर्व सीआरपीएफ के डीजी सुदीप लखटकिया भी दो दिवसीय दौरा पूरा कर बुधवार को दिल्ली लौटे थे। नक्सल अभियान की मॉनीटङ्क्षरग केंद्र स्तर पर की जा रही है।
के. विजय कुमार दिल्ली से विमान से साढ़े नौ बजे रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंंचे। वहां से वे सीधे रांची के टेंडर ग्राम स्थित एसटीएफ के ग्रुप कैंप पहुंचे। वहां पर उन्होंने झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी अभियान आरके मल्लिक, सीआरपीएफ के झारखंड रेंज आईजी संजय आनंद लाठेकर और एसटीएफ के आइजी रविकांत धान, विशेष शाखा और आइबी आदि के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान प्रदेश में चल रहे अभियान के साथ ही ऑपरेशन क्लीन की भी समीक्षा की। उन्होंने झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों और बेहतर तालमेल के साथ नक्सल अभियान को और तेज करने को कहा। ताकि भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ, टीएसपीसी जैसे उग्रवादी संगठनों से 2017 तक झारखंड को हर हाल में नक्सल मुक्त किया जा सके। उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ मिल रही सफलता के लिए झारखंड और सीआरपीएफ की पीठ भी थपथपाई। इसके बाद वे वहां से सीधे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे और एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। हालांकि बैठक के संबंध में कोई अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से बोलने को तैयार नहीं हुए।
के. विजय कुमार दिल्ली से विमान से साढ़े नौ बजे रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंंचे। वहां से वे सीधे रांची के टेंडर ग्राम स्थित एसटीएफ के ग्रुप कैंप पहुंचे। वहां पर उन्होंने झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी अभियान आरके मल्लिक, सीआरपीएफ के झारखंड रेंज आईजी संजय आनंद लाठेकर और एसटीएफ के आइजी रविकांत धान, विशेष शाखा और आइबी आदि के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान प्रदेश में चल रहे अभियान के साथ ही ऑपरेशन क्लीन की भी समीक्षा की। उन्होंने झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों और बेहतर तालमेल के साथ नक्सल अभियान को और तेज करने को कहा। ताकि भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ, टीएसपीसी जैसे उग्रवादी संगठनों से 2017 तक झारखंड को हर हाल में नक्सल मुक्त किया जा सके। उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ मिल रही सफलता के लिए झारखंड और सीआरपीएफ की पीठ भी थपथपाई। इसके बाद वे वहां से सीधे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे और एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। हालांकि बैठक के संबंध में कोई अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से बोलने को तैयार नहीं हुए।
लातेहार में सबसे पहले ऑपरेशन :
निर्णायक प्रहार में सबसे पहले नक्सलियों का गढ़ लातेहार पुलिस और सुरक्षाबलों के निशाने पर है। यही वजह है कि गुरुवार को सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार के साथ जैसे ही रांची में वरीय अधिकारियों की बैठक खत्म हुई। एडीजी अभियान आरके मल्लिक, सीआरपीएफ के झारखंड रेंज आइजी संजय आनंद लाठेकर और एसटीएफ के आइजी रविकांत धान तुरंत हेलीकॉप्टर से लातेहार रवाना हो गए।
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