अब तक आपने वाशिंग मशीन से कपड़े धुलते और सुखते तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि बल्ब की रोशनी से कपड़ों की सफाई की जा सकती है। ये सुनकर तो आपका दिल बाग-बाग हो चला होगा कि चलो अब तो हमें कपड़े धोने की आफ से भी छुटकारा मिला। जी हां, आपका खुश होना बिल्कुल जायज है क्योकि आने वाले कुछ ही दिनों में कपड़ों को साफ करने के लिए उन्हें धोने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि मेलबोर्न शोधकर्ताओं ने ऐसी तकनीक का आविष्कार किया है जिससे कपड़ों को बल्ब की रोशनी या धूप में 6 मिनट तक रखने पर वे खुद साफ हो जाएंगे।
मेलबर्न के RMIT विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने विशेष प्रकार की नैनोतकनीक से एक कपड़ा बनाया है जो की रोशनी में अपने आप साफ हो जाता है। हमारे लिए गर्व की बात यह है की शोधकर्ताओं के इस दल में एक भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं। शोधकर्ता राजेश रामनाथन ने बताया कि हालांकि वह दिन अभी दूर है जब आपको कपड़े धोने के लिए अपनी वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा, लेकिन इस शोध से भविष्य में खुद साफ होने वाले कपड़ों के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार हो चुका है।
शोधकर्ताओं ने यह कपड़ा चांदी और तांबा आधारित नैनोसंरचनाओं से विकसित किया है जो की प्रकाश को सोखने की क्षमता रखता है। जब इन नैनोसंरचनाओं पर प्रकाश पड़ता है तो इनमें ऊर्जा के संचार से गर्म इलेक्ट्रॉन निकलते हैं। ये गर्म इलेक्ट्रॉन बहुत सारी ऊर्जा उत्पन करते हैं, जिससे ये कपड़ा कार्बनिक पदार्थों, धूल-मिट्टी आदि को साफ कर देता है।
अब शोधकार्ताओं के लिए इस कपड़े को प्रयोगशाला से बाहर निकालकर वाणिज्यिक उत्पादन के लायक बनाने की सबसे बड़ी चुनौती है। रामनाथन के अनुसार कपड़ा कार्बनिक पदार्थ को साफ कर देता है, पर अब हमारे सामने इसे जैविक पदार्थों को भी साफ करने योग्य बनाने की चुनौती है। तब जाकर इसे आम जनता इस्तेमाल कर पाएगी।
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