
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 मई से सभी प्रकार के सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती लगाने पर पाबंदी लगा दी है. मोदी सरकार के इस फैसले से बिहार सरकार के कई मंत्री नाखुश हो गए हैं. उनके नाराज होने की वजह है उनके पास से वीआईवी स्टेटस का छिन जाना और उनके रुतबे में कमी आना.
इसी मुद्दे पर मंत्रियों की राय जानने के लिए 'आज तक' की टीम बिहार सचिवालय पहुंची. यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक चल रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के सरकारी वाहन पर लाल बत्ती नहीं लगी हुई थी. हालांकि, इन तीनों के अलावा मंत्रिमंडल में मौजूद कई मंत्रियों की सरकारी वाहन पर लाल बत्ती मौजूद थी.
इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि वह पहले से ही लालबत्ती कल्चर के खिलाफ हैं. जनता की सेवा करना उनका अहम काम है, ना कि वीआपी स्टेटस दिखाना.
जिन मंत्रियों के सरकारी वाहन पर लाल बत्ती सजी थी उनमें उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं.
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शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने 1 मई से पहले अपने सरकारी वाहन पर लगी लाल बत्ती हटाने की बात कही. जबकि ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार से नाराज नजर आए. विजेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला राज्य सरकारों पर बाध्य नहीं है. वहीं जल संसाधन मंत्री ललन सिंह से जब लाल बत्ती हटाने को लेकर सवाल पूछा गया तो जनाब इतने नाराज हो गए कि मीडिया के सवाल का जवाब दिए बिना ही सचिवालय के अंदर चले गए.
ऐसे में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोगों की भी गाड़ी थी जिनके ड्राइवरों ने मीडिया के कैमरे को देखते हुए साहब की सरकारी गाड़ी से लाल बत्ती को हटा दिया.
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