
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया है. उनके बर्खास्त होने के बाद उनकी पत्नी ने एक वीडियो जारी कर अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया है. तेज बहादुर की पत्नी ने कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो अब भला कौन मां अपने बेटे को फौज में भेजेगी.
तेज बहादुर की बर्खास्तगी को लेकर पत्नी शर्मिला ने कहा है, ‘’मेरे पति को कोर्ट मार्शल कर दिया गया है. उन्होंने जवानों के हित में ये कदम उठाया था और देश को अपना खाना दिखाया था.’’
अब कौन मां अपने बेटे को फ़ौज में भेजेगी- BSF जवान की पत्नी
शर्मिला ने सवाल पूछते हुए कहा है, ‘’अगर ऐसी ही जवानों पर कार्रवाई होती रही को भला कौन मां अपने बेटे को फ़ौज में भेजेगी. कौन पत्नी अपने पति को देश की सेवा के लिए सेना में जाने को कहेगी. उन्होंने ऐसा कौन सा गुनाह किया था जो उनकी 20 साल की सर्विस हो गई थी और उन्हें डिसमिस कर दिया. सरकार को चाहिए था कि उन्हें बाइज्जत घर भेजते, सरकार ने ये बहुत गलत किया.’’
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कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी में पाया गया तेज बहादुर को दोषी
इस मामले में बीएसएफ ने कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी की थी, जिसमें कोर्ट ने पाया कि तेज बहादुर ने बीएसएप की छवि खराब की है. कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी में एलओसी पर तैनात बाकी के जवानों का भी बयान लिया गया. दूसरे जवानों ने अपने बयान में खाने को लेकर किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं की. जवानों का कहना था कि हाई ऑलटिट्यूड पर सादा दाल ही खाने को दी जाती है.
खाने की शिकायत के अलावा बीएसएफ जवान तेजबहादुर ने हैरेसमेंट को लेकर भी एक दूसरा वीडियो अपलोड किया था. जिसके बाद तेज बहादुर के परिवार के लोगों ने भी सेना पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया था.
कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी ने तेज बहादुर को बीएसएफ की छवि खराब करने का दोषी पाया. कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी ने पाया कि शिकायत के लिए इंटरनल मैकेनिज्म होने के बावजूद तेज बहादुर ने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर जाकर बीएसएफ की छवि को खराब की.
क्या थे तेज बहादुर के आरोप
बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने फेसबुक पर वीडियो डाल बीएसएफ के जवानों को मिल रहे खाने की शिकायत की थी. इसके लिए तेजबहादुर ने सरकार को कुछ नहीं कहा लेकिन बीएसएप के अधिकारियों पर बदइंतजामी के आरोप जरूर लगाए थे.
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कौन हैं तेज बहादुर
20 साल की ड्यूटी में तेज बहादुर पश्चिम बंगाल, मणिपुर, असम, त्रिपुरा, में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
पिछले बीस साल की सेवा में तेज बहादुर यादव को चार बार कड़ी सजा मिल चुकी है, जिसके तहत उन्हें क्वार्टर गार्ड में भी रखा जा चुका है. नशे में ड्यूटी करना, सीनियर का आदेश न मानना, बिना बताए ड्यूटी से गायब रहना और कमांडेंट पर बंदूक तानने तक का भी आरोप लगा था.
अनुशासनहीन तो करियर में 16 गोल्ड क्यों मिले- तेज बहादुर
तेज बहादुर मानते हैं कि उन्हें सजा मिल चुकी है, लेकिन वह ये भी दावा कर रहे हैं कि उन्हें 16 बार सम्मानित भी किया जा चुका है.
दागदार करियर और जवानों के हक के लिए आवाज उठाने वाले तेज बहादुर की जिंदगी के ये दो पहलू हैं. लेकिन उनके घरवालों और दोस्तों से बात कर इतना तो साफ लग रहा है कि वो न तो झगड़ालू हैं और न ही मानसिक रूप से कोई दिक्कत है. बावजूद इसके बीएसएफ ने खराब रवैये और अनुशासनहीनता की बात कही है.
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