
बीजेपी ने देश की राजधानी दिल्ली में निकाय चुनाव दो-तिहाई बहुमत के साथ जीत लिया है. 2014 में आम चुनावों में जीत दर्ज कर बीजेपी के अर्जुन बने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एक बार फिर मोदी लहर के सहारे निकाय चुनाव जीतने में सफल हुए हैं. हालांकि दिल्ली निकाय चुनाव एक छोटा चुनाव है लेकिन बात जब मिशन 2019 की हो तो अमित शाह के लिए हर जीत जरूरी है.
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देश के किसी कोने में चुनाव नगर निकाय का हो या ग्राम पंचायत का या फिर किसी विधानसभा का, बीजेपी के लिए बेहद अहम हो जाता है क्योंकि उसकी कोशिश 2019 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की लहर के सहारे आम चुनावों में प्रचंड बहुमत लेने की है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने मिशन 2019 का हवाला देते हुए कई बार दावा कर चुके हैं कि 2019 के चुनावों से पहले न सिर्फ देश कांग्रेस मुक्त होगा बल्कि इस दौरान देश में होने वाले सभी चुनावों में बीजेपी की जीत से पूरे देश का नक्शा भगवा रंग में रंग जाएगा.
लिहाजा, बीजेपी के निशाने पर ममता और उनसे पहले वामपंथियों का गढ़ रहा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में नवीन पटनायक हैं. इसके अलावा बीजेपी के निशाने पर दक्षिण भारत में तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और केरल जैसे राज्य भी हैं जहां पार्टी को मोदी लहर का जादू चलने की उम्मीद है.
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दिल्ली में जीत दर्ज करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह ने अपने इस मिशन 2019 के हवाले से साफ किया कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए वह तीन-तीन दिन का समय ओडिशा, पश्चिम बंगाल और गुजरात को देने जा रहे हैं जिससे इन राज्यों में पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सकें. अमित शाह ने दावा किया है कि दिल्ली निकाय चुनावों में पार्टी को मिली जीत मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर दिल्ली की जनता की मुहर है. शाह का मानना है कि इसी तर्ज पर 2019 आम चुनावों से पहले होने वाले सभी चुनावों में मोदी लहर पार्टी को चुनाव जिताने में सफल होगी.
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